प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ब्रुनेई दारुस्सलाम और सिंगापुर की तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा के लिए रवाना हुए। यह यात्रा भारत और दक्षिणपूर्व एशियाई देशों के साथ संबंधों को और मजबूत करने के उद्देश्य से की जा रही है। प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा ब्रुनेई दारुस्सलाम के सुल्तान हाजी हसनल बोल्किया के निमंत्रण पर हो रही है, जो किसी भारतीय प्रधानमंत्री की ब्रुनेई दारुस्सलाम की पहली द्विपक्षीय यात्रा है। यह ऐतिहासिक यात्रा दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने के उद्देश्य से की जा रही है।
ब्रुनेई में, प्रधानमंत्री मोदी की योजना सुल्तान हसनल बोल्किया से मुलाकात करने और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा करने की है, जिसमें ऊर्जा, व्यापार, रक्षा, और सांस्कृतिक आदान-प्रदान प्रमुख हैं। यह मुलाकात न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने का अवसर प्रदान करेगी, बल्कि भारत और ब्रुनेई के बीच आपसी विश्वास और समझ को भी बढ़ाएगी। इस यात्रा के दौरान, दोनों देशों के बीच कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है, जो क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को बढ़ावा देंगे।
ब्रुनेई के बाद, प्रधानमंत्री मोदी सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग के निमंत्रण पर सिंगापुर जाएंगे। सिंगापुर यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी और उनके सिंगापुर समकक्ष के बीच विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी, जिसमें डिजिटल अर्थव्यवस्था, वित्तीय सेवाएं, और स्मार्ट सिटी परियोजनाएं शामिल हैं। इसके अलावा, दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश को और बढ़ावा देने के लिए भी कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे।
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा भारत और दक्षिणपूर्व एशियाई देशों के बीच बढ़ते संबंधों का प्रतीक है और इसे क्षेत्रीय साझेदारी को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है। यह यात्रा न केवल राजनीतिक, बल्कि आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को भी नई दिशा देने में सहायक सिद्ध होगी।