इंदौर-मनमाड रेलवे लाइन के लंबे समय से लंबित प्रोजेक्ट को आखिरकार शुरू करने का रास्ता साफ हो गया है। इस महत्वपूर्ण परियोजना की शुरुआत को लेकर आज इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि 18,000 करोड़ रुपये की यह योजना वर्षों से लंबित थी, लेकिन अब इसे डबल इंजन की मोदी सरकार द्वारा मध्य प्रदेश की जनता को सौगात के रूप में पेश किया जा रहा है।
इस रेलवे लाइन के शुरू होने से प्रदेश के कई क्षेत्रों को रेल कनेक्टिविटी का लाभ मिलेगा, जिनमें धार और बुरहानपुर जैसे इलाके प्रमुख हैं। ये इलाके वर्षों से रेल नेटवर्क से वंचित थे, लेकिन अब मनमाड रेलवे लाइन के माध्यम से ये सभी क्षेत्र जुड़ जाएंगे। यह नया रेलमार्ग त्र्यंबकेश्वर से महाकालेश्वर को जोड़ने का काम करेगा, जिससे धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
इसके अलावा, इस लाइन से माइनिंग, मिलेट्स, नासिक का प्याज, और मालवा का आलू जैसे उत्पादों के लिए नए बाजार खुलेंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस रेलवे लाइन के शुरू होने से क्षेत्र में एक लॉजिस्टिक हब का भी विकास होगा, जिससे व्यापारिक गतिविधियों को गति मिलेगी और परिवहन की लागत में भी कमी आएगी।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बताया कि इस परियोजना को 2029 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। हालांकि, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रेल मंत्री से अनुरोध किया कि इसे 2028 तक पूरा किया जाए, ताकि उसी वर्ष होने वाले उज्जैन सिंहस्थ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को इस नई रेल लाइन का फायदा मिल सके।
यह रेलवे लाइन मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की कनेक्टिविटी को मजबूत करेगी, जिससे दोनों राज्यों के बीच व्यापार और यात्रा आसान हो जाएगी। इससे न केवल परिवहन सुविधाओं में सुधार होगा, बल्कि कृषि और व्यापारिक उत्पादों के लिए भी नए अवसर पैदा होंगे।