मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता एड्व्होकेट प्रमोद कुमार द्विवेदी ने आज एक पत्रकार वार्ता में मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार की कथनी और करनी पर गंभीर सवाल उठाए। द्विवेदी ने खासतौर पर राजस्व पखवाड़े की आलोचना की, जिसमें उन्होंने कहा कि अवैध कालोनियों की आड़ में छोटे भूखंडों का नामांतरण रोकना पूरी तरह गलत है।
द्विवेदी ने मीडिया के सामने उदाहरण पेश करते हुए बताया कि भाजपा सरकार ने 16 जुलाई से 31 अगस्त तक ‘राजस्व पखवाड़ा’ मनाया, जिसमें केवल कागजी खानापूर्ति की गई। उन्होंने कहा कि इंदौर जिले को राजस्व मामलों के समाधान में प्रथम जिला बताया जा रहा है, लेकिन हकीकत यह है कि इंदौर कलेक्टर ने छोटे भूखंडों और खेती की जमीन के नामांतरण को रोकने के आदेश दिए हैं। कलेक्टर का कहना है कि कुछ लोग खेती की जमीन के टुकड़े करके बेच रहे हैं और अवैध कॉलोनियों का निर्माण कर रहे हैं।
द्विवेदी ने सवाल उठाया कि भू-राजस्व संहिता के अनुसार 0.028 आरे या इससे कम की खेती की जमीन का नामांतरण खेती भूमि में करके ऋण पुस्तिका क्यों नहीं दी जाती। उन्होंने यह भी पूछा कि बिना नामांतरण किए रजिस्ट्री वाली संपत्ति विधि मान्य रहेगी या नहीं। इन सवालों के साथ उन्होंने राजस्व पखवाड़े की नीतियों और उनकी निष्पत्ति पर सवाल उठाए और भाजपा सरकार पर इसे केवल एक दिखावा बताने का आरोप लगाया।