Jaipur LPG Tanker Blast: राजस्थान की राजधानी जयपुर के भीषण अग्निकांड में मृतकों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है, अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है। 70 से ज्यादा लोग घायल हैं, इनमें से 28 लोग 80 फीसदी से ज्यादा जल चुके हैं। घायलों की स्थिति नाजुक बनी होने से मृतकों का आंकड़ा बढ़ने की आशंका है। 6 मृतकों के शव इतनी बुरी तरीके से जल गए हैं कि, जिनकी शिनाख्त नहीं हो पा रही है। पहचान के लिए जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल की मोर्चरी से DNA टेस्ट के लिए सैंपल लिए गए हैं।
यू-टर्न लेने में हुआ हादसा
आपको बता दें कि, 20 दिसंबर को जयपुर-अजमेर हाईवे पर सुबह करीब 6 बजे एलपीजी टैंकर और ट्रक के बीच भीषण टक्कर के बाद जोरदार धमाका हुआ था। धमाके के बाद आग की लपटें दूर तक पहुंचीं थीं, जिसने वहां से गुजर रहे करीब 40 वाहनों को चपेट में ले लिया था। इस हादसे के कई भयावह वीडियो भी सामने आए थे, जिसमें जिंदा जल चुके लोगों की खाक हो चुकी लाशें नजर आ रही थीं।
हादसे पर सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी ने मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगी है। राजस्थान के मुख्य सचिव सुधांश पंत के निर्देश पर हादसे की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। संयुक्त जांच दल हादसे के सभी पहलुओं की विस्तृत जांच करेगा ये समिति दुर्घटना के लिए जिम्मेदार निर्माण और विभाग के दूसरे पहलुओं की भी जांच करेगी। बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी ने इस मामले में 20 जनवरी तक जांच रिपोर्ट मांगी है। हालांकि, कमेटी अगले सप्ताह ही रिपोर्ट जमा करने की तैयारी कर रही है।
कपड़े उतारकर भागे लोग
इस भयावह हादसे के बाद मचे हाहाकार में जलते हुए लोग इधर-उधर भागने लगे। जान बचाने की गुहार लगाते हुए झुलसे लोग जोर-जोर से चिल्लाने लगे। जिन्हें बचाने के लिए लोग अपनी जान की परवाह किए बिना दौड़ पड़े। मौके पर 30 से अधिक दमकल वाहनों को भेजा गया। लपटों को शांत करने में दमकल विभाग को काफी मशक्कत करनी पड़ी। इस बीच एंबुलेंस भी पहुंच गए। पुलिस और प्रशासन की टीमों ने स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को अस्पताल
पहुंचाना शुरू किया।
हादसे में ड्यूटी से घर लौट रहीं राजस्थान पुलिस की 28 साल की महिला कॉन्स्टेबल अनीता मीणा की भी मौत हो गई, उनके शव की पहचान पैरों की बिछिया से की गई। वहीं, ऑटो चालक शत्रुघ्न ने बताया कि, टक्कर के बाद हुए जोरदार ब्लास्ट से उसका चेहरा बुरी तरह से झुलस गया। वह तुरंत अपना ऑटो छोड़कर भागा और किसी तरह से अपनी जान बचाई।
सहायता राशि का ऐलान
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अस्पताल पहुंचकर घायलों का हाल जाना और उनके बेहतर इलाज का निर्देश दिया। उन्होंने घटनास्थल पर पहुंचकर हादसे की जानकारी भी ली और हादसे में मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए और घायलों को 1-1 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। प्रशासन ने घायलों और उनके परिजनों की सहायता के लिए टोल फ्री नंबर जारी किए हैं। कोई भी 0141-2204475, 0141-2204476 या 0141- 2204463 पर कॉल कर कंट्रोल रूम कलेक्ट्रेट से सहायता ले सकते है। वहीं PMO ने कहा, ‘‘इस हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को पीएमएनआरएफ से अनुग्रह राशि के तौर पर 2-2 लाख रुपये दिए जाएंगे। घायलों को 50-50 हजार रुपये दिए जाएंगे।’’
राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री ने जताया दु:ख
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जयपुर गैस टैंकर दुर्घटना में लोगों की मौत पर दुख व्यक्त किया और मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की। वहीँ, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हादसे में लोगों की मौत पर दुख जताया और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
हादसा, भ्रष्टाचार या लापरवाही
जयपुर के अजमेर नेशनल हाइवे पर हुए इस हादसे ने देश में भ्रष्टाचार और लापरवाही की भी पोल खोल दी है। इस हादसे की चपेट में आई स्लीपर बस में 20 पैसेंजर झुलस गए। उदयपुर से आ रही इस स्लीपर बस RJ-27 PC0030 में 34 यात्री थे, जिसमें 20 अस्पताल लाए गए। ड्राइवर-कंडक्टर सहित 14 यात्रियों का पता नहीं है। चौंकाने वाली बात यह है कि बस का परमिट 16 महीने पहले यानी 25 अगस्त 2023 को हीं खत्म हो गया था। इतना ही नहीं बस का AITP (ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट) भी 8 जुलाई 2024 को एक्सपायर हो गया था।
परमिट एक्सपायर होने का सीधा मतलब है कि बस को परिवहन विभाग सड़क पर चलने की इजाजत नहीं दे देता है। ऐसे में इसे पकड़कर जब्त करने की जिम्मेदारी आरटीओ की होती है। इस मामले में जब उदयपुर के बस मालिक अब्दुल सलीम खान से बात की गई तो उन्होंने कहा कि, उनकी बस कभी नहीं चलती, सिर्फ 19 दिसंबर यानी हादसे वाले दिन ही बुकिंग ली थी। हालांकि, जब ऑनलाइन इसकी जांच की गई तो पता चला कि वो रोजाना बुकिंग ले रहे हैं।
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