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एयर इंडिया हादसा: DVR और ब्लैक बॉक्स से खुल सकते हैं राज, एटीएस जांच में जुटी

गुजरात के अहमदाबाद एयरपोर्ट के पास हुई भीषण एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 दुर्घटना के बाद, जांच एजेंसियां अब हादसे के पीछे की वजहों की परतें खोलने में जुट गई हैं। शुक्रवार को दुर्घटनास्थल से फ्लाइट का ब्लैक बॉक्स और डीवीआर (डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर) बरामद किया गया। यह हादसा देश के लिए एक बड़ा झटका साबित हुआ, जिसमें अब तक 270 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें कई मेडिकल छात्र शामिल थे।

एयरक्राफ्ट की टेल सेक्शन मेघानगर स्थित ब्रिज मेडिकल कॉलेज हॉस्टल की इमारत से टकरा गई, जिससे इमारत को भारी नुकसान हुआ और उसमें मौजूद 29 मेडिकल छात्रों की मृत्यु हो गई। हादसे के बाद घटनास्थल पर गुजरात एटीएस और फॉरेंसिक साइंस लैब की टीमें पहुंचीं और DVR व ब्लैक बॉक्स को कब्जे में लेकर जांच शुरू की गई है।

DVR और ब्लैक बॉक्स का क्या है अंतर?

बहुत से लोग इन दोनों टर्म्स को लेकर भ्रमित रहते हैं। DVR मुख्यतः एयरक्राफ्ट या इमारत में लगे सीसीटीवी कैमरों की वीडियो फुटेज रिकॉर्ड करता है, जबकि ब्लैक बॉक्स (फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर) फ्लाइट से संबंधित तकनीकी डेटा और कॉकपिट की आवाजें रिकॉर्ड करता है। ब्लैक बॉक्स को अत्यंत मजबूत और सुरक्षित डिजाइन किया जाता है ताकि वह किसी भी भीषण दुर्घटना में भी नष्ट न हो।

ब्लैक बॉक्स से पायलट की आखिरी बातचीत, उड़ान की गति, ऊंचाई, इंजन की स्थिति और दिशा जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां मिल सकती हैं, जो हादसे की असली वजह को उजागर करने में सहायक होंगी।

हादसे की जांच: एटीएस के शक गहराए

गुजरात एटीएस ने DVR और ब्लैक बॉक्स की बरामदगी के बाद जांच का दायरा बढ़ा दिया है। अधिकारियों को संदेह है कि यह हादसा केवल तकनीकी खराबी का नतीजा नहीं हो सकता बल्कि इसके पीछे कोई साजिश, पायलट की गलती, या बाहरी हस्तक्षेप भी हो सकता है। फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाकर उन्हें लैब भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

एलआईसी का दावा निपटान में बड़ा ऐलान

देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी ने हादसे में मृत लोगों के परिवारों के लिए क्लेम सेटलमेंट प्रक्रिया को आसान और तेज़ बनाने का ऐलान किया है। एलआईसी ने यह भी स्पष्ट किया कि मृत्यु प्रमाण पत्र के स्थान पर सरकारी रिपोर्ट या किसी भी आधिकारिक मुआवजे को प्रमाण के रूप में स्वीकार किया जाएगा। यह पहल हादसे में प्रभावित परिवारों को त्वरित राहत पहुंचाने के उद्देश्य से की गई है।

प्रधानमंत्री मोदी ने जताया दुख

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार सुबह अहमदाबाद पहुंचे और क्रैश साइट का दौरा किया। उन्होंने स्थिति का जायजा लिया और मेडिकल कॉलेज अस्पताल में घायल यात्रियों से मुलाकात कर उनका हौसला बढ़ाया। उन्होंने अधिकारियों को जांच में तेजी लाने और पीड़ित परिवारों तक हर संभव मदद पहुंचाने के निर्देश दिए।

हादसे का चश्मदीद: एकमात्र बचे यात्री की कहानी

विवेक कुमार नामक यात्री इस भयावह हादसे में किसी चमत्कार की तरह जीवित बच गए। उन्होंने बताया कि टेकऑफ के दौरान कुछ अजीब-सा महसूस हुआ, फिर अचानक विमान इमारत से टकरा गया और उन्हें होश आने पर अस्पताल में भर्ती पाया। उन्होंने बताया कि सबकुछ जल रहा था, और वे सीट समेत नीचे गिर गए होंगे, जिससे उनकी जान बच गई।

निष्कर्ष

यह दुर्घटना न केवल एक मानवीय त्रासदी है बल्कि सुरक्षा तंत्र पर गंभीर सवाल भी खड़े करती है। DVR और ब्लैक बॉक्स की जांच से इस हादसे के पीछे की सच्चाई सामने आने की उम्मीद है। सरकार, जांच एजेंसियां और बीमा कंपनियां इस आपदा से निपटने में सक्रिय रूप से जुटी हैं।

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