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राजा रघुवंशी हत्याकांड: राज-सोनम गैंग को सजा दिलाने में डिजिटल सबूत बनेंगे सबसे बड़ा हथियार

मेघालय की राजधानी शिलांग में परिवहन कारोबारी राजा रघुवंशी की हत्या मामले में पुलिस लगातार गहराई से जांच कर रही है। शुक्रवार को पुलिस ने शिलांग के सदर थाने में बंद पांचों आरोपियों से पूछताछ की। आरोपी जेल में अधिकतर समय चुप रहते हैं, लेकिन पुलिस उनकी गतिविधियों और बातचीत पर पैनी नजर रख रही है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार सभी आरोपी, विशेषकर सोनम, ने उत्तर भारतीय खाने की मांग की थी जिसे पुलिस ने मुहैया कराया। केस को अदालत में कमजोर न पड़ने देने के लिए पुलिस एक-एक डिजिटल सबूत, फिजिकल एविडेंस और गवाहों को जोड़ रही है। इस मर्डर केस में कोई प्रत्यक्षदर्शी नहीं है, इसीलिए CCTV फुटेज, मोबाइल लोकेशन, खून से सना शर्ट, जैकेट, धारदार हथियार और DNA रिपोर्ट को चार्जशीट में शामिल किया जा रहा है।

सबूतों में शामिल हैं:

मोबाइल सबूतों की ताकत:
हत्या के समय और बाद में सोनम ने तीन से चार मोबाइल और फर्जी UPI अकाउंट्स का इस्तेमाल किया। हत्या के बाद 23 मई को सोनम ने अभिषेक नामक युवक को इंस्टाग्राम पर मैसेज भेजा ताकि पुलिस को गुमराह किया जा सके।

हत्या की प्लानिंग और इरादे:
पुलिस के अनुसार, सोनम और राज की गैंग ने केवल राजा की ही नहीं, बल्कि एक महिला की भी हत्या की योजना बनाई थी ताकि पुलिस को भ्रम में डाला जा सके कि सोनम भी मारी जा चुकी है। इसके लिए इंदौर से एक काला बुर्का मंगाया गया था, जिसे पहनकर सोनम सिलीगुड़ी भागी थी।

मुख्य साजिशकर्ता:
राज कुशवाहा भले ही शिलांग नहीं गया था, लेकिन उसी ने इंदौर में हत्या की योजना बनाई और सोनम समेत तीन लोगों को हत्या के लिए तैयार किया। पुलिस इस मामले से जुड़े अन्य सबूत जुटाने के लिए इंदौर भी आने वाली है, जहां सोनम हत्या के बाद 14 दिन तक रुकी थी।

DNA और फॉरेंसिक कड़ी:
सभी फॉरेंसिक सबूत जैसे खून के सैंपल, कपड़े और हथियारों की DNA रिपोर्ट एक-दूसरे से मेल खाती है। ये सबूत आरोपियों को अदालत में फंसाने के लिए पर्याप्त माने जा रहे हैं।

आरोपियों की मांग और मानसिकता:
पूछताछ के दौरान राज कुशवाहा ने यह गुजारिश की कि उसका नाम सोनम के साथ अफेयर में न जोड़ा जाए, भले ही वह हत्या की पूरी जिम्मेदारी लेने को तैयार हो। इससे साफ जाहिर है कि आरोपी मानसिक रूप से किस प्रकार अपनी छवि को लेकर चिंतित हैं, जबकि उन्होंने हत्या जैसे गंभीर अपराध को अंजाम दिया।

निष्कर्ष:
पुलिस के पास मौजूद डिजिटल सबूत, मोबाइल लोकेशन, DNA रिपोर्ट और CCTV फुटेज मिलाकर यह केस बेहद मजबूत हो गया है। चार्जशीट आगामी 90 दिनों में दायर की जाएगी। उम्मीद है कि इस केस में दोषियों को कड़ी सजा दिलाई जा सकेगी।

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