IIT इंदौर की वैश्विक रैंकिंग में गिरावट: QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में 556वें स्थान पर पहुंचा संस्थान

इंदौर। देश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में शुमार आईआईटी इंदौर की वैश्विक रैंकिंग में चिंताजनक गिरावट दर्ज की गई है। QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 के अनुसार संस्थान को 556वां स्थान प्राप्त हुआ है। वर्ष 2024 और 2023 में यह रैंकिंग 477वीं थी, जबकि वर्ष 2020 में 188वीं रैंक के साथ यह संस्थान देश की उम्मीदों का प्रतीक बना था। लगातार तीन वर्षों में रैंकिंग में आई गिरावट से शैक्षणिक जगत में चर्चा का विषय बन गया है।
कम हुआ ओवरऑल स्कोर
रैंकिंग में गिरावट के पीछे सबसे प्रमुख कारण संस्थान का ओवरऑल स्कोर रहा, जो इस बार 100 में से केवल 29.6 अंक रहा। यह स्कोर पिछले वर्षों की तुलना में कम है, जो यह दर्शाता है कि वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के बीच IIT इंदौर का प्रभाव कमजोर हुआ है। हालाँकि, शोध की गुणवत्ता के मामले में संस्थान की स्थिति अब भी उल्लेखनीय बनी हुई है।
शोध गुणवत्ता में भारत में छठा स्थान, विश्व में 57वां
भले ही ओवरऑल रैंक में गिरावट आई हो, लेकिन शोध गुणवत्ता के मानकों में IIT इंदौर अब भी मजबूती से खड़ा है। शैक्षणिक फैकल्टी साइंटिफिक इंडेक्स में संस्थान ने 100 में से 96.9 अंक हासिल किए हैं, जो पिछले साल के 95.6 अंकों से बेहतर है। इस स्कोर के आधार पर IIT इंदौर को भारत में छठा और दुनिया भर में 57वां स्थान मिला है। यह संस्थान की शोध क्षमता और प्रभावशाली पब्लिकेशन्स का प्रमाण है।
NIRF रैंकिंग में भी नीचे फिसला IIT इंदौर
केवल वैश्विक ही नहीं, राष्ट्रीय स्तर पर भी रैंकिंग में गिरावट देखी जा रही है। NIRF रैंकिंग 2023 में जहां संस्थान को 14वां स्थान मिला था, वहीं 2024 में यह रैंकिंग गिरकर 16वें स्थान पर आ गई। यह स्पष्ट करता है कि संस्थान को अपनी समग्र रणनीति और कार्यशैली में सुधार की आवश्यकता है।
भारत की प्रमुख IITs अभी भी शीर्ष पर
QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में दुनिया भर के 1501 से अधिक विश्वविद्यालयों को शामिल किया गया है। भारत की IIT बॉम्बे, दिल्ली और मद्रास जैसी संस्थाएं अब भी उच्च रैंक पर कायम हैं, लेकिन IIT इंदौर का पिछड़ना संकेत करता है कि इसे वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए और अधिक मेहनत करनी होगी।
उदाहरण बना एक होनहार छात्र – जुरल जाटव
इन सबके बीच, मध्यप्रदेश बोर्ड से पढ़ाई करने वाले जुरल जाटव ने कठिन परिश्रम और लगन से एक प्रेरणादायक मिसाल पेश की है। कनकेश्वरी देवी विद्यालय जबरान के इस छात्र ने JEE Mains में 14 लाख छात्रों में से चयनित 16 हजार छात्रों में स्थान बनाकर IIT खड़गपुर में प्रवेश पाया है। JEE Advanced में उन्होंने AIR 1443 रैंक हासिल की है। अनुसूचित जाति वर्ग से आने वाले जुरल का सपना है कि वह भविष्य में IAS अधिकारी बनकर देश की सेवा करें।
निष्कर्ष
IIT इंदौर की रैंकिंग में गिरावट आने से यह स्पष्ट है कि केवल बुनियादी ढांचे और संसाधनों पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं है। संस्थान को वैश्विक मानकों पर अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए रणनीतिक कदम उठाने होंगे। वहीं, जुरल जैसे विद्यार्थियों की सफलता यह साबित करती है कि मेहनत और समर्पण के बल पर कोई भी छात्र ऊंचाईयों को छू सकता है, चाहे वह किसी भी पृष्ठभूमि से क्यों न हो।