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दिल्ली के स्कूलों में क्लासरूम निर्माण घोटाला: ईडी ने 37 ठिकानों पर छापे, 322 पासबुक और हजारों दस्तावेज जब्त

नई दिल्ली।
दिल्ली सरकार के स्कूलों में क्लासरूम निर्माण में 2000 करोड़ रुपये से अधिक के भ्रष्टाचार के आरोपों की मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ा कदम उठाया है। एजेंसी ने राजधानी समेत विभिन्न राज्यों में 37 ठिकानों पर छापेमारी की और छापों में 322 बैंक पासबुक, सरकारी विभागों से जुड़ी महत्त्वपूर्ण फाइलें, तथा फर्जी लेनदेन के सबूत बरामद किए हैं।

📌 मुख्य बिंदु:


🔍 क्या सामने आया जांच में?

प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार, दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग (PWD) द्वारा 2015 से 2023 के बीच स्कूलों में कमरे बनाने के लिए 2405 की आवश्यकता के विरुद्ध 12,748 कमरों का निर्माण करवा दिया गया, जिससे लागत कई गुना बढ़ गई।

ईडी को छापेमारी के दौरान:

  • 322 बैंक पासबुक,

  • दिल्ली सरकार के विभागों से जुड़ी महत्वपूर्ण फाइलें,

  • PWD अधिकारियों के नाम और पदनाम की नकली रबर स्टांप,

  • तथा प्राइवेट ठेकेदारों के कार्यालयों से संदिग्ध दस्तावेज जब्त हुए हैं।

ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि “इन खातों का उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग और सरकारी धन के दुरुपयोग के लिए किया गया।”


🧾 मनीष सिसोदिया से पूछताछ

पूर्व उपमुख्यमंत्री और आप नेता मनीष सिसोदिया को ईडी की कार्रवाई के दो दिन बाद एंटी करप्शन ब्रांच (ACB) ने पूछताछ के लिए तलब किया। पूछताछ से पहले मीडिया से बात करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि

“भाजपा हमारी शिक्षा नीतियों से घबरा गई है। अब झूठे मामलों में फंसा कर हमें बदनाम करने की साजिश कर रही है।”

उन्होंने यह भी कहा कि

“भाजपा सांसद मनोज तिवारी के आरोपों से यह पूरा मामला शुरू हुआ। हमने उनके खिलाफ मानहानि का केस दर्ज किया है।”


🗣️ राजनीतिक बयानबाजी तेज

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मनीष सिसोदिया की पेशी को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा,

“अब कोई नहीं बचेगा। जिन लोगों ने घोटाला किया है, उन्हें जनता और कानून के सामने जवाब देना होगा।”

भाजपा नेता प्रवेश वर्मा ने भी आरोप लगाते हुए कहा,

“मनीष सिसोदिया ने शिक्षा के नाम पर हजारों करोड़ का घोटाला किया है। अब सच सामने आ रहा है।”


📉 भ्रष्टाचार का स्वरूप

  • एक निजी फर्म M/s Bubber & Bubber Associates को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों का उल्लंघन किया गया।

  • निर्माण की लागत बाजार मूल्य से कई गुना अधिक बताई गई।

  • कागजी कार्रवाई में फर्जी दस्तावेजों और रबर स्टांपों का खुलकर उपयोग किया गया।


📍 निष्कर्ष

ईडी की छापेमारी ने दिल्ली सरकार की शिक्षा व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह घोटाला आम आदमी पार्टी की ‘शिक्षा क्रांति’ की पारदर्शिता पर सीधा प्रहार है। अब देखना यह होगा कि आने वाले दिनों में ईडी की जांच किन नए नामों और परतों को उजागर करती है।

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