
Russia Earthquake: रूस के कामचटका प्रायद्वीप में आज सुबह 8.8 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, इसका केंद्र जमीन से 19.3 किलोमीटर की गहराई में था। भारतीय समयानुसार यह भूकंप सुबह 4:54 बजे दर्ज किया गया।

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भूकंप का केंद्र कुरिल द्वीप समूह के पास बताया जा रहा है, जो प्रशांत महासागर की सक्रिय टेक्टॉनिक पट्टी पर स्थित है। भूकंप के बाद कामचटका के तटीय इलाकों में करीब 4 मीटर ऊंची सुनामी लहरें उठीं। इस भूकंप से कई इमारतों और घरों को नुकसान पहुंचा है। एक किंडरगार्टन स्कूल भी क्षतिग्रस्त हुआ है। कुछ घरों की छतें गिर गईं, जिसके चलते लोगों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।

रूस, जापान और अमेरिका में सुनामी अलर्ट
इस शक्तिशाली झटके के बाद रूस, जापान और अमेरिका के कई तटीय क्षेत्रों में सुनामी अलर्ट जारी कर दिया गया है। फिलहाल किसी बड़े नुकसान या जनहानि की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन समुद्र के जलस्तर में बढ़ोतरी और लहरों की ऊंचाई को लेकर चेतावनी दी गई है। प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को ऊंचाई वाले इलाकों में जाने की सलाह दी गई है। सुरक्षा एजेंसियां हालात पर नजर बनाए हुए हैं और इमरजेंसी टीमें अलर्ट पर हैं।

भूकंप के बाद स्थिति को देखते हुए जापान, अमेरिका, चीन समेत 12 देशों (कनाडा, इक्वाडोर, पेरू, मेक्सिको, न्यूजीलैंड और प्रशांत द्वीप समूह, चीन, फिलीपींस, ताइवान, इंडोनेशिया) के कई तटीय इलाकों में भी सुनामी की चेतावनी जारी की गई है। स्थानीय प्रशासन ने आपदा राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं। जापान के योकोहामा समेत 21 राज्यों में सुनामी की चेतावनी जारी की गई है और अब तक 9 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा चुका है। जापान ने फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट को खाली करवा लिया है, वहीं अमेरिका के हवाई, अलास्का और पश्चिमी तटीय क्षेत्रों में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है।

आपदा एजेंसियां सतर्क, राहत और बचाव दल तैयार
समुद्र में 3–4 मीटर तक ऊंची लहरें उठ रही हैं और प्रशांत रिंग ऑफ फायर एक बार फिर सक्रिय हो गया है। स्थिति को देखते हुए रेस्क्यू ऑपरेशन तेज कर दिया गया है और तटीय इलाकों को खाली कराने का आदेश दे दिया गया है। NHK और USGS के अनुसार, भूकंप का केंद्र पेट्रोपावलोव्स्क के पूर्व में 136 किमी की दूरी पर स्थित था और यह 19 किमी गहराई में दर्ज किया गया।

2011 में फुकुशिमा प्लांट में हुआ था रिसाव
8.8 तीव्रता के इस भूकंप और जापान में सुनामी के खतरे के बीच, एक बार फिर फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट को खाली करवा लिया गया है। साल 2011 की त्रासदी के बाद ये प्लांट फिर से खतरे की जद में आ गया है। जापान सरकार ने तुरंत एक्शन लेते हुए प्लांट को पूरी तरह से इवैक्यूएट कर दिया है।

2011 की तबाही अब भी जापान की ज़हन में ताज़ा है, जब 9.1 तीव्रता के भूकंप और विनाशकारी सुनामी ने फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट में रेडियोएक्टिव रिसाव की स्थिति पैदा कर दी थी। उस घटना में हजारों लोग मारे गए और लाखों विस्थापित हुए। अब जब रूस के कामचटका से उठे समुद्री भूकंप ने जापान के तटीय इलाकों को फिर से खतरे में डाल दिया है, तो सरकार ने सतर्कता बरतते हुए फुकुशिमा प्लांट को खाली करवा दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी रेडियोएक्टिव रिसाव को रोकने के लिए यह कदम जरूरी था।
