चीन के तियानजिन में तीन महाशक्तियों का महामिलन
SCO समिट से अमेरिका की दादागीरी को मिला करारा जवाब

SCO Summit: चीन के Tianjin प्रान्त हुए SCO शिखर सम्मेलन में कुछ ऐसे नज़ारे देखने को मिले, जिन्होंने पूरी दुनिया को चौंका दिया। एक फ्रेम में तीन बड़े दिग्गज भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग। तीनों की गर्मजोशी भरी मुलाकात, हाथों में हाथ और चेहरे पर मुस्कान, साथ में अमेरिका को साफ संदेश दिया गया कि अब अकेले तुम नहीं, हम भी दुनिया की दिशा तय करेंगे।

दरअसल, जब तीनों नेताओं की तस्वीरें सोशल मीडिया पर आईं तो लोग मज़ाक में कहने लगे कि ट्रंप का ब्लड प्रेशर अभी बढ़ा होगा! क्योंकि अमेरिका लगातार चीन और रूस पर दबाव बनाने की कोशिश करता रहा है, वहीं भारत पर भी टैरिफ और व्यापार को लेकर दबाव बनाता रहा। लेकिन तियानजिन की इन तस्वीरों ने दुनिया को दिखा दिया कि नया वर्ल्ड ऑर्डर तैयार हो रहा है जहाँ भारत, चीन और रूस एक साथ खड़े नज़र आ रहे हैं। बैठक के दौरान पीएम मोदी सेंटर में थे और पुतिन-जिनपिंग उनके दोनों तरफ। बॉडी लैंग्वेज ही बता रही थी कि बातचीत सिर्फ औपचारिक नहीं बल्कि गहराई भरी थी।

जिनपिंग ने तो यहां तक कह दिया कि धमकाने और दबाव बनाने वालों के दिन अब लद चुके हैं, हमें न्यायपूर्ण विश्व व्यवस्था चाहिए। वहीं पीएम मोदी ने भी साफ किया कि भारत किसी टैरिफ, किसी ब्लैकमेलिंग से डरने वाला नहीं है, हम अपना रास्ता खुद बनाते हैं। तीनों नेताओं की इस मुलाकात ने साफ कर दिया कि आने वाले वक्त में अमेरिका के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। एक तरफ पश्चिमी देशों का ग्रुप है, तो दूसरी तरफ अब यह एशियाई गठजोड़। और जब ड्रैगन, हाथी और भालू यानि चीन-भारत-रूस एक साथ खड़े हों तो सुपरपावर अमेरिका भी सोचने पर मजबूर हो जाता है।

शी जिनपिंग बोले – साथ आएं ड्रैगन और हाथी
इस हाई-प्रोफाइल बैठक में शी जिनपिंग ने साफ कहा कि, दुनिया का नेतृत्व करने के लिए ड्रैगन और हाथी यानी चीन और भारत को साथ आना चाहिए। उन्होंने यह भी जोड़ा कि दुनिया की सबसे बड़ी आबादी रखने वाले ये दोनों देश ग्लोबल साउथ की सबसे मजबूत आवाज़ हैं।

शी जिनपिंग ने भारत को न सिर्फ अच्छा पड़ोसी बल्कि सच्चा मित्र बताया और कहा कि, “दोनों देश एक-दूसरे की सफलता के भागीदार बनेंगे।” यह संदेश ऐसे वक्त आया है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर टैरिफ का दबाव बनाया है। लेकिन नया भारत अब अपना रास्ता खुद बना रहा है, किसी के टैरिफ या ब्लैकमेलिंग से डरा नहीं करता।
