इंदौर कलेक्टर की कुर्सी पर शिवम वर्मा हुए काबिज़
मुख्यमंत्री के भरोसेमंद आशीष सिंह फिर पड़े भारी

Indore Collector: इंदौर की नौकरशाही में इस बार पोस्टिंग का खेल बड़ा दिलचस्प रहा। इंदौर कलेक्टर की कुर्सी पर किसका कब्जा होगा, इसे लेकर पिछले एक महीने से खींचतान जारी थी। दौड़ में केवल दो नाम थे – रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल और इंदौर नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा।

रीवा कलेक्टर की दावेदारी मजबूत
प्रतिभा पाल का नाम इसलिए मजबूत माना जा रहा था क्योंकि वे इंदौर नगर निगम और उज्जैन नगर निगम की कमिश्नर रह चुकी थीं। साथ ही रीवा में ढाई साल का उनका कार्यकाल भी शानदार माना गया। लेकिन राजनीति और प्रशासन की गलियों में सिर्फ कामकाज ही काफी नहीं होता। किस्मत पलटने में एक चिंगारी काफी होती है। रीवा में खाद वितरण को लेकर किसानों पर हुए लाठीचार्ज ने उनका खेल बिगाड़ दिया। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस घटना पर वीसी में नाराजगी जाहिर की और उसी दिन से प्रतिभा पाल का इंदौर आने का सपना हवा हो गया।

आशीष सिंह बने तुरुप का इक्का
दूसरी तरफ मैदान में थे शिवम वर्मा। उनका सबसे बड़ा तुरुप का इक्का बने इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह। आशीष सिंह मुख्यमंत्री के बेहद भरोसेमंद अफसरों में गिने जाते हैं। सिंहस्थ मेला प्रभारी और उज्जैन संभाग आयुक्त जैसी जिम्मेदारी मिलना इसका जीता-जागता सबूत है। सूत्र बताते हैं कि आशीष सिंह ने खुद मुख्यमंत्री को शिवम वर्मा के पक्ष में मनाया और आखिरकार उनका दांव चल गया।

IDA के CEO भी पोस्टिंग के लिए बेताब
इस बीच एक और दिलचस्प मोड़ आया। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने सार्वजनिक रूप से कहा कि शिवम वर्मा उनकी नहीं सुनते। यह बयान सुनकर सबको लगा कि वर्मा का पत्ता कट जाएगा, लेकिन हुआ उल्टा। यह बात मुख्यमंत्री को और ज्यादा भा गई क्योंकि उन्हें लगा कि वर्मा किसी दबाव में काम नहीं करेंगे। उधर इंदौर विकास प्राधिकरण के सीईओ राम प्रकाश अहिरवार भी इंदौर में पोस्टिंग के लिए जोर-आजमाइश कर रहे थे। लेकिन आशीष सिंह की गुड लिस्ट में नाम न होने के कारण उनके अरमानों पर पानी फिर गया।

पत्नी जयति सिंह बनी बड़वानी कलेक्टर
नई नियुक्तियों में इंदौर नगर निगम के नवागत आयुक्त को मुख्य सचिव अनुराग जैन की पसंद माना जा रहा है। वहीं, डॉ. सुदाम खाड़े को इंदौर संभाग आयुक्त बनाकर जनसंपर्क आयुक्त रहते हुए उनके काम का तोहफा दिया गया है। इस बार की पोस्टिंग का एक और दिलचस्प पहलू यह है कि एक ही जिले में निगम आयुक्त से सीधे कलेक्टर बने शिवम वर्मा। वहीं, उनकी पत्नी जयति सिंह को भी बड़वानी कलेक्टर की कमान सौंपी गई है। पदभार संभालने से पहले यह आईएएस दंपत्ति खजराना गणेश मंदिर पहुंचे और बप्पा का आशीर्वाद लिया। अब दोनों पति-पत्नी अलग-अलग जिलों की बागडोर संभालने जा रहे हैं, जिसे नौकरशाही में पावर कपल पोस्टिंग कहा जा रहा है।
