दिल्ली ब्लास्ट केस: पाकिस्तान से भेजे गए बम बनाने के 40 वीडियो, जम्मू मौलवी ने जैश आतंकी से करवाई मुलाकात
दिल्ली ब्लास्ट केस: पाकिस्तान से भेजे गए बम बनाने के 40 वीडियो, जम्मू मौलवी ने जैश आतंकी से करवाई मुलाकात

दिल्ली ब्लास्ट मामले में सुरागों के अनुसार पाकिस्तान से भेजे गए बम बनाने के कम से कम 40 वीडियो मिले हैं। ये वीडियो आतंकी गतिविधियों के प्रशिक्षण और विस्फोटक बनाने के तरीकों से संबंधित हैं। जांच एजेंसियों ने बताया कि इन वीडियो का उद्देश्य दिल्ली और अन्य शहरों में आतंकवादी हमले की तैयारी करना था।
जांच में यह भी सामने आया कि जम्मू के एक मौलवी ने मुजम्मिल नाम के संदिग्ध को जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी से मिलवाया। दोनों मिलकर डॉक्टर आतंकी को तैयार करने में शामिल थे। डॉक्टर आतंकी की पहचान ऐसे आतंकियों के रूप में की जा रही है जो उच्च तकनीकी क्षमता वाले बम और विस्फोटक तैयार कर सकते हैं।
एनआईए और अन्य जांच एजेंसियां लगातार इस मामले की तह तक जा रही हैं। प्राप्त वीडियो और डिजिटल सबूतों की जांच से यह पता लगाया जा रहा है कि किस तरह से पाकिस्तानी आतंकी संगठन ने भारत में हमले की योजना बनाई। इनमें कई वीडियो में बम बनाने के तरीके, विस्फोटक सामग्री की जानकारी और सुरक्षा उपायों का विवरण शामिल है।

जम्मू के मौलवी और मुजम्मिल की भूमिका भी जांच में सामने आई है। मौलवी ने मुजम्मिल को आतंकवादी नेटवर्क से जोड़ने में मदद की और प्रशिक्षण में मार्गदर्शन दिया। इसके अलावा, डॉक्टर आतंकी को तैयार करने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण पाई गई है।
पुलिस और एनआईए का कहना है कि इन वीडियो और डिजिटल फाइलों से आने वाले समय में और भी संदिग्धों तक पहुंच बनाई जा सकेगी। पाकिस्तानी आतंकी संगठनों की भारत में सक्रिय शाखाओं की पहचान करने में यह सबूत मददगार साबित होंगे।
दिल्ली ब्लास्ट मामले की गंभीरता को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं। सभी राज्यों को सतर्क रहने और संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट तुरंत देने का निर्देश दिया गया है। एनआईए ने नागरिकों से अपील की है कि वे संदिग्ध लोगों या सामग्री के बारे में जानकारी दें ताकि हमले की योजना को पहले ही नाकाम किया जा सके।
विशेषज्ञों का कहना है कि डिजिटल माध्यम से आतंकवाद को बढ़ावा देने का यह मामला दुनिया के लिए भी चेतावनी है। पाकिस्तान से वीडियो और ट्रेनिंग की सामग्री भेजने की घटनाओं से आतंकवाद के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की सक्रियता स्पष्ट होती है।
इस मामले की जांच अभी जारी है और जल्द ही अदालत में पेश किए जाने वाले सबूतों से पूरी साजिश का खुलासा होने की संभावना है।





