इंदौर आरटीओ में पत्रकारों पर हमला: दो आरोपी गिरफ्तार, पांच अब भी फरार—सुरक्षा पर उठे गंभीर सवाल
इंदौर आरटीओ में पत्रकारों पर हमला: दो आरोपी गिरफ्तार, पांच अब भी फरार—सुरक्षा पर उठे गंभीर सवाल

इंदौर शहर से एक गंभीर और चिंताजनक घटना सामने आई है, जिसने पत्रकार सुरक्षा को लेकर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। आरटीओ कार्यालय के बाहर कवरेज कर रहे दो पत्रकारों—हेमंत शर्मा और राजा खान—पर कुछ लोगों ने अचानक हमला कर दिया। इस घटना ने न केवल स्थानीय मीडिया जगत को हिला दिया है, बल्कि पूरे प्रदेश में पत्रकारों की सुरक्षा के सिस्टम पर सवाल उठने लगे हैं।
हमले के बाद तेजी से कार्रवाई करते हुए तेजाजी नगर पुलिस ने सात नामजद आरोपियों में से दो को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है। हालांकि पांच आरोपी अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं और उनकी तलाश जारी है। पुलिस का कहना है कि फरार आरोपियों की पहचान हो चुकी है और जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
क्या था मामला?
जानकारी के अनुसार, पत्रकार हेमंत शर्मा और राजा खान आरटीओ कार्यालय के बाहर कथित भ्रष्टाचार और अनियमितताओं पर रिपोर्टिंग कर रहे थे। दोनों पत्रकार वहां मौजूद कुछ कर्मचारियों और एजेंटों से सवाल-जवाब कर रहे थे। इसी दौरान कुछ लोगों ने पत्रकारों का विरोध करना शुरू कर दिया। देखते ही देखते स्थिति बिगड़ गई और दोनों पर बदसलूकी, धक्का-मुक्की और मारपीट की गई।
बताया जा रहा है कि यह हमला योजनाबद्ध ढंग से किया गया था ताकि भ्रष्टाचार से जुड़ी खबरों को बाहर आने से रोका जा सके। मारपीट में पत्रकार हेमंत शर्मा और राजा खान को चोटें आईं, जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
पत्रकार संगठनों में उबाल
इस घटना के सामने आते ही पत्रकार संगठनों में भारी आक्रोश फैल गया है। इंदौर से लेकर भोपाल तक मीडिया संगठनों ने विरोध जताते हुए पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है। कई वरिष्ठ पत्रकारों और सामाजिक संगठनों ने कहा कि अगर पत्रकार सुरक्षित नहीं रहेंगे तो समाज में पारदर्शिता कैसे कायम रहेगी?
पत्रकारों ने प्रशासन से मांग की है कि—
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हमलावरों पर सख्त कार्रवाई की जाए
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आरटीओ कार्यालयों में सुरक्षा बढ़ाई जाए
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पत्रकारों के लिए विशेष प्रोटोकॉल बनाया जाए
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लगातार होने वाले हमलों पर रोक के लिए ठोस नीति बने

पुलिस की कार्रवाई और आगे की रणनीति
तेजाजी नगर पुलिस ने दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, फरार पांच आरोपियों पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है। पुलिस टीम उनके संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश दे रही है।
सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल लोकेशन और मौके पर मौजूद लोगों के बयान के आधार पर पूरी घटना की तफ्तीश की जा रही है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
पत्रकार सुरक्षा बना बड़ा मुद्दा
मध्य प्रदेश में पिछले कुछ महीनों में पत्रकारों पर हमले बढ़े हैं। यह घटना एक बार फिर इस बात को रेखांकित करती है कि पत्रकारों को बिना डर के काम करने का माहौल उपलब्ध कराना आवश्यक है।
इंदौर की यह घटना सिर्फ दो पत्रकारों पर हमला नहीं, बल्कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर चोट है। यह वक्त है जब सरकार और प्रशासन को पत्रकार सुरक्षा कानून और ठोस कदमों पर गंभीरता से विचार करना होगा।





