रवि शास्त्री ने कोहली-रोहित के आलोचकों को दी चेतावनी, कहा: ‘उनसे पंगा मत लो’
रवि शास्त्री ने कोहली-रोहित के आलोचकों को दी चेतावनी, कहा: ‘उनसे पंगा मत लो’

रवि शास्त्री का चेतावनी भरा बयान: कोहली-रोहित से पंगा लेने वालों को होगा पछतावा
नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने हाल ही में एक ऐसा बयान दिया है, जो क्रिकेट गलियारों और सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। शास्त्री ने पूर्व कप्तान विराट कोहली और टीम उपकप्तान रोहित शर्मा के आलोचकों को करारा जवाब देते हुए कहा कि इन दोनों खिलाड़ियों के साथ ‘मस्ती मत करो’, क्योंकि अगर वे सही तरीके से खेलना शुरू कर दें, तो उनके विरोधी तुरंत किनारे हो जाएंगे।
कोहली और रोहित का शानदार फॉर्म
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच तीन मैचों की वनडे सीरीज के पहले दो मुकाबलों में कोहली ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। रांची में उन्होंने 135 रन और रायपुर में 102 रन की पारी खेली। वहीं रोहित शर्मा ने पहले मैच में 57 और दूसरे में 14 रन बनाए। दोनों खिलाड़ी इस समय वनडे फॉर्म में टॉप पर हैं और टीम की जीत में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
शास्त्री ने कहा,
“विराट कोहली और रोहित शर्मा वनडे के दादा खिलाड़ी हैं। ऐसे स्टेटस वाले प्लेयर्स से पंगा मत लो।”
उनका यह बयान दर्शाता है कि पूर्व कोच को इन खिलाड़ियों के अनुभव और प्रभाव पर पूरा भरोसा है।
🗣️ आलोचकों को करारा जवाब
शास्त्री ने एक इंटरव्यू में कहा कि कुछ लोग खिलाड़ियों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं, लेकिन यदि कोहली और रोहित सही बटन दबा दें, तो वे तुरंत किनारे हो जाएंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य किसी का नाम लेना नहीं था।
जब उनसे पूछा गया कि ‘मस्ती कौन कर रहा है’, तो शास्त्री ने हंसते हुए कहा,
“करने वाले कर रहे हैं। लेकिन अगर इनका दिमाग ठीक हो गया और सही बटन दबा दिया, तो सब एकदम किनारे हो जाएंगे।”
सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने इसे बीसीसीआई के फैसलों और चयन नीति से जुड़े विवादों के संदर्भ में गौतम गंभीर और अजीत अगरकर के लिए तंज माना।
⚡ वनडे में कोहली-रोहित की अहमियत
कोहली और रोहित दोनों ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय टी20 से 2024 और टेस्ट से 2025 की शुरुआत में संन्यास लिया था, लेकिन वनडे क्रिकेट में वे सक्रिय हैं। उन्होंने 2025 की चैंपियंस ट्रॉफी में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। शास्त्री ने दोनों खिलाड़ियों को “वनडे जायंट्स” करार देते हुए उनकी टीम के लिए रणनीतिक अहमियत को रेखांकित किया।
पूर्व कोच का यह बयान केवल आलोचकों को चेतावनी नहीं है, बल्कि टीम के खिलाड़ियों के मनोबल को बढ़ाने और आगामी निर्णायक मुकाबले के लिए भारत के खिलाड़ियों को प्रेरित करने के उद्देश्य से भी लिया जा सकता है।





