पुतिन के साथ स्टेट डिनर में शामिल होंगे शशि थरूर, राहुल-खरगे को नहीं मिला निमंत्रण
पुतिन के साथ स्टेट डिनर में शामिल होंगे शशि थरूर, राहुल-खरगे को नहीं मिला निमंत्रण

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे के अवसर पर आयोजित राजकीय स्टेट डिनर में कांग्रेस सांसद शशि थरूर को निमंत्रण मिलने की खबर ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। दिलचस्प बात यह है कि इसी डिनर में विपक्ष के दो वरिष्ठ नेता, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे को शामिल होने का निमंत्रण नहीं मिला।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली की रिपोर्ट के अनुसार, पुतिन का यह दौरा भारत-रूस संबंधों को मजबूत करने के लिहाज से महत्वपूर्ण है। इस दौरान कई अहम समझौते हुए और दोनों देशों के बीच व्यापार, रक्षा और ऊर्जा सहयोग पर चर्चा हुई। इस कार्यक्रम के हिस्से के रूप में आयोजित स्टेट डिनर का आयोजन राष्ट्रपति भवन में होगा।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने खुद इस निमंत्रण की पुष्टि की है और कहा कि वे इस डिनर में जरूर भाग लेंगे। थरूर ने मीडिया से बातचीत में कहा, “मुझे निमंत्रण मिला है और मैं इसमें जरूर जाऊंगा। एक वक्त था जब एक्सटर्नल अफेयर्स कमेटी के चेयरमैन को रूटीन के तौर पर निमंत्रण मिलता था। यह प्रथा कुछ समय के लिए रुकी थी, लेकिन अब फिर से शुरू हो गई है।”
थरूर ने राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे के शामिल न होने पर कहा, “मुझे नहीं पता कि ये निमंत्रण किस आधार पर दिए जाते हैं। पहले एलओपी और दूसरी पार्टी के लीडर्स को भी बुलाया जाता था। लेकिन अब कैसे निमंत्रण भेजे जाते हैं, इसके बारे में मुझे जानकारी नहीं है।”
राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता हैं, जबकि मल्लिकार्जुन खरगे राज्यसभा में विपक्ष के नेता। इस प्रकार, दोनों प्रमुख विपक्षी नेताओं को स्टेट डिनर से बाहर रखना राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। कई विशेषज्ञ इसे सरकार की रणनीति का हिस्सा मान रहे हैं, जिससे कुछ सांसदों को अलग तरीके से प्राथमिकता दी जा रही है।
थरूर और कांग्रेस आलाकमान के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंध रहे हैं। हाल ही में खबर आई थी कि थरूर ने सोनिया गांधी की बुलाई मीटिंग में हिस्सा नहीं लिया था। ऐसे में इस स्टेट डिनर में थरूर को बुलाना उनकी व्यक्तिगत स्थिति और पार्टी के भीतर मौजूदा विवाद दोनों की झलक देता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि स्टेट डिनर जैसे अवसरों पर निमंत्रण राजनीतिक संदेश भी देते हैं। विपक्ष के वरिष्ठ नेताओं को न बुलाकर सरकार किसी हद तक संकेत दे सकती है कि पार्टी के भीतर विभाजन और नेता-संबंधों को देखते हुए निर्णय लिए जा रहे हैं।
कुल मिलाकर, पुतिन का यह स्टेट डिनर न केवल भारत-रूस संबंधों के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसमें शामिल नेताओं और उनके चयन की प्रक्रिया ने भारतीय राजनीति में नई बहस शुरू कर दी है। शशि थरूर के शामिल होने और राहुल-खरगे के बाहर रहने के फैसले पर सोशल मीडिया और राजनीतिक विश्लेषण दोनों ही लगातार चर्चा कर रहे हैं।





