IND vs SA: गंभीर की कोचिंग में वनडे में भी गिरता प्रदर्शन, आज जुड़ सकता है एक और कलंक?
IND vs SA: गंभीर की कोचिंग में वनडे में भी गिरता प्रदर्शन, आज जुड़ सकता है एक और कलंक?

भारतीय क्रिकेट टीम इन दिनों एक ऐसे दौर से गुजर रही है जहां उसके प्रदर्शन पर कई गंभीर सवाल उठ रहे हैं। खासकर टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर की रणनीतियों और नेतृत्व को लेकर चर्चा तेज हो गई है। टेस्ट क्रिकेट में तो भारत पहले ही दक्षिण अफ्रीका से 0-2 की शर्मनाक हार झेल चुका है, अब वनडे में भी हालात कुछ खास बेहतर नहीं लग रहे। आज विशाखापट्टनम में सीरीज का तीसरा और निर्णायक मुकाबला खेला जाएगा और इसी मैच पर तय होना है कि भारत सीरीज अपने नाम करता है या गंभीर की चुनौतियों में एक और ‘कलंक’ जुड़ता है।
गौतम गंभीर के कोच बनने के बाद वनडे क्रिकेट में टीम का प्रदर्शन उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा है। चैंपियंस ट्रॉफी को अलग हटा दें तो पिछले डेढ़-दो वर्षों में भारत ने उनकी कोचिंग में तीन द्विपक्षीय वनडे सीरीज खेली हैं, जिनमें से दो में टीम को हार का सामना करना पड़ा।
भारत का वनडे सीरीज रिकॉर्ड गंभीर के दौर में
भारत ने अगस्त 2024 में श्रीलंका का दौरा किया था। यह सीरीज टीम इंडिया के लिए बुरे सपने जैसी साबित हुई। तीन मैचों की इस सीरीज में भारत 0-2 से हार गया। यह हार टीम की तैयारी और रणनीति पर सवाल खड़े करने के लिए काफी थी। बल्लेबाजी खाली-खाली लगी और गेंदबाज भी प्रभावी नहीं दिखे।
जनवरी 2025 में इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू मैदान पर भारत ने शानदार वापसी की। टीम ने इंग्लैंड को 3-0 से हराकर आत्मविश्वास जरूर बढ़ाया और ऐसा लगा कि भारत अपनी पुरानी लय में लौट आया है। बल्लेबाजी में स्थिरता दिखी, गेंदबाजों ने अच्छी लाइन-लेंथ के साथ विकेट निकाले और फील्डिंग भी बेहतर रही।
लेकिन अक्टूबर 2025 आते-आते भारत एक बार फिर पुराने ढर्रे पर लौट गया। ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर खेले गए तीन मैचों की वनडे सीरीज में भारत को 1-2 से हार का सामना करना पड़ा। इस हार ने एक बार फिर गंभीर की रणनीति और टीम संयोजन पर सवाल खड़े कर दिए। खासकर मिडिल ऑर्डर की अस्थिरता और डेथ बॉलिंग की कमजोरी साफ नजर आई।
आज का मुकाबला क्यों है ‘करो या मरो’?
दक्षिण अफ्रीका पहले ही टेस्ट सीरीज में भारत का 2-0 से सूपड़ा साफ कर चुका है। वे इस बात को लेकर बेहद सतर्क हैं कि वनडे सीरीज में उन्हें हार न मिले। दूसरी तरफ भारत के लिए यह मैच सिर्फ जीत का मौका नहीं, बल्कि गंभीर की कप्तानी का विश्वास कायम रखने का भी अवसर है।
यदि भारत आज का मैच हारता है तो यह गंभीर की कोचिंग में चौथी सीरीज हार होगी और आलोचना और तेज होगी। टीम का फॉर्म, चयन में बार-बार बदलाव, और रणनीति में अस्थिरता को लेकर पहले से ही चर्चाएं गर्म हैं।
क्या कहती है टीम की बॉडी लैंग्वेज?
पिछले दो मैचों में भारत की बॉडी लैंग्वेज थोड़ी कमजोर दिखी है। जहां बल्लेबाजों ने सेट होकर विकेट गंवाए, वहीं गेंदबाजों ने महत्वपूर्ण मौकों पर रन लुटाए। ऐसे में यह स्पष्ट है कि टीम पर मानसिक दबाव बढ़ता जा रहा है।
आज का मुकाबला सिर्फ सीरीज जीतने का नहीं, बल्कि एक मजबूत संदेश देने का भी है—कि टीम इंडिया अब भी मजबूत है और गंभीर की कोचिंग दिशा सही है।





