टॉप-न्यूज़

इंडिगो फ्लाइट संकट पर सख्त हुई केंद्र सरकार: भारी जुर्माने की तैयारी, किराया लूट पर भी लगेगी लगाम

इंडिगो फ्लाइट संकट पर सख्त हुई केंद्र सरकार: भारी जुर्माने की तैयारी, किराया लूट पर भी लगेगी लगाम

देशभर में जारी इंडिगो फ्लाइट संकट ने अब केंद्र सरकार को सख्त कदम उठाने पर मजबूर कर दिया है। पिछले कई दिनों से लगातार उड़ानें रद्द होने, क्रू की कमी और हज़ारों यात्रियों के हवाईअड्डों पर फंसने की शिकायतों के बीच अब सरकार इसकी गहराई से जांच करने में जुट गई है। एविएशन मिनिस्ट्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संकट की पूरी अद्यतन रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें बताया गया है कि स्थिति कितनी गंभीर है और यात्रियों को कितनी परेशानी हो रही है।

सूत्रों के मुताबिक, एविएशन मिनिस्ट्री लगातार उच्च स्तरीय बैठकों में लगी हुई है। मंत्रालय ने इंडिगो से इस अव्यवस्था के कारणों पर विस्तृत जवाब मांगा है। शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि क्रू की भारी कमी, शेड्यूलिंग में गड़बड़ी और प्रबंधन स्तर पर निर्णयों में देर से स्थिति बिगड़ी और हजारों यात्री प्रभावित हुए। मंत्रालय इस समय इंडिगो पर भारी आर्थिक जुर्माना लगाने की तैयारी में है ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही दोबारा न हो सके।

मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया जा रहा है कि सरकार इंडिगो के CEO पीटर एल्बर्स को पद से हटाने की मांग पर विचार कर सकती है। यह पहली बार होगा जब किसी निजी एयरलाइन के CEO को संकट की जिम्मेदारी तय करने के लिए इतना बड़ा कदम उठाने की सिफारिश की जा रही है। इस मामले में आज शाम इंडिगो के शीर्ष अधिकारियों की मंत्रालय में बैठक बुलाई गई है, जहां उन्हें विस्तृत रिपोर्ट और सुधारात्मक कदमों की रूपरेखा पेश करनी होगी।

इसी बीच, इस संकट का फायदा उठाकर कुछ अन्य एयरलाइंस द्वारा टिकटों के दाम बेहिसाब बढ़ाने की शिकायतें भी सामने आईं। यात्रियों ने बताया कि कहीं–कहीं किराया सामान्य से 10 गुना तक वसूला जा रहा था। इसे गंभीरता से लेते हुए सरकार ने तुरंत हस्तक्षेप किया और नई अधिकतम किराया सीमा लागू कर दी है, जो इस प्रकार है:

  • 500 किमी तक: अधिकतम ₹7,500

  • 500–1000 किमी: अधिकतम ₹12,000

  • 1000–1500 किमी: अधिकतम ₹15,000

  • 1500 किमी से ऊपर: अधिकतम ₹18,000

सरकार का कहना है कि संकट की स्थिति में यात्रियों को अनियोजित आर्थिक बोझ से बचाना सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसी भी एयरलाइन को संकट का बहाना बनाकर यात्रियों की जेब खाली करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

एविएशन सेक्टर के विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना भारतीय विमानन इतिहास के सबसे बड़े परिचालन संकटों में से एक है, जिसके दूरगामी प्रभाव हो सकते हैं। सरकार की यह सख्ती इंडस्ट्री के लिए स्पष्ट संदेश है—यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा सर्वोपरि है, और कोई भी कंपनी चाहे कितनी ही बड़ी क्यों न हो, उसे अपने दायित्व का पालन करना होगा।

MORE NEWS>>>मुर्शिदाबाद में 300 करोड़ की नई बाबरी मस्जिद का शिलान्यास: निलंबित TMC विधायक हुमायूं कबीर का बड़ा ऐलान

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close