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इंडिगो फ्लाइट संकट: हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा, एयरलाइन नाकाम रही तो क्या कदम उठाए

इंडिगो फ्लाइट संकट: हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा, एयरलाइन नाकाम रही तो क्या कदम उठाए

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को इंडिगो एयरलाइन के फ्लाइट संकट से प्रभावित यात्रियों के मुद्दे पर केंद्र सरकार से सख्त सवाल किए। कोर्ट ने पूछा कि यदि एयरलाइंस की व्यवस्था कमजोर रही तो सरकार ने किन कदमों से स्थिति को नियंत्रित किया। कोर्ट ने केवल यात्रियों की असुविधा ही नहीं, बल्कि इसके अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव को भी मुद्दा बनाया।

जनहित याचिका के माध्यम से उठाए गए सवालों में हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से यह भी पूछा कि क्या यात्रियों को मुआवजा दिलाने के लिए कोई ठोस कदम उठाए गए हैं। कोर्ट ने कहा कि स्थिति गंभीर है क्योंकि कई यात्री देश के विभिन्न हवाई अड्डों पर फंसे हुए हैं और विमान में चढ़ने से वंचित हो रहे हैं।

केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) चेतन शर्मा ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने किराए पर कैपिंग लागू की थी और इसे सख्ती से लागू किया गया। हालांकि कोर्ट ने कहा कि यह कदम पांच दिन बाद उठाया गया और उस दौरान जो टिकट ₹5,000 में उपलब्ध थी, उसकी कीमत ₹30,000 से ₹35,000 तक पहुँच गई। कोर्ट ने यह भी सवाल उठाया कि अगर किसी आपात स्थिति का सामना करना पड़ा, तो दूसरी एयरलाइंस को इसका फायदा क्यों लेने की अनुमति दी गई।

एएसजी चेतन शर्मा ने कोर्ट को इस संबंध में उठाए गए कदमों के दस्तावेज पेश किए और बताया कि एयरलाइन को 1 नवंबर तक नोटिस दिया गया था, लेकिन उन्होंने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। कोर्ट ने इसे मंत्रालय से अलग बताया और केंद्र सरकार से पूछा कि ऐसी स्थिति दोबारा न आए इसके लिए क्या उपाय किए गए।

कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर एयरलाइंस इस मामले में नाकाम रही तो सरकार को क्या कदम उठाने चाहिए थे। ASG ने बताया कि एयरलाइन से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया और एयरलाइन ने माफी मांगी। उन्होंने यह भी कहा कि एफटीटीएल योजना 2024 से लंबित है और बार-बार इसकी समय सीमा बढ़ाई गई।

इस मामले में हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि यात्रियों की समस्या गंभीर है और इसके समाधान के लिए सरकार और एयरलाइन दोनों जिम्मेदार हैं। कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि ऐसी व्यवधानपूर्ण स्थिति दोबारा न हो, इसके लिए उन्होंने क्या कार्रवाई की है और यात्रियों को मुआवजा दिलाने के लिए कौन से कदम उठाए गए हैं।

यह सुनवाई इंडिगो एयरलाइन के संचालन में खामियों और सरकारी नियामक प्रणाली में मौजूद कमजोरियों को उजागर करती है। यात्रियों की सुरक्षा, मुआवजा और टिकटिंग प्रक्रिया की पारदर्शिता के मामले में अब सरकार और एयरलाइंस के लिए जवाबदेही तय होगी।

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