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बहराइच हिंसा: रामगोपाल हत्याकांड में सरफराज को फांसी, नौ दोषियों को आजीवन कारावास

बहराइच हिंसा: रामगोपाल हत्याकांड में सरफराज को फांसी, नौ दोषियों को आजीवन कारावास

बहराइच। उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में रामगोपाल हत्याकांड मामले में अदालत ने शुक्रवार को दोषियों को सजा सुनाई। मुख्य दोषी सरफराज को फांसी की सजा सुनाई गई, जबकि अन्य नौ दोषियों को आजीवन कारावास की सजा दी गई। साथ ही, प्रत्येक दोषी पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। यह घटना 13 अक्तूबर 2024 की है, जब दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान रामगोपाल की हत्या कर दी गई थी।

इससे पहले बुधवार को आए फैसले में अदालत ने मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद और उसके तीन पुत्र फहीम, सरफराज उर्फ रिंकू और तालिब उर्फ सबलू सहित कुल 10 आरोपियों को दोषी ठहराया था। दोषियों को बृहस्पतिवार दोपहर कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए। कचहरी परिसर में सुबह से ही भारी गहमागहमी थी। स्थानीय लोग, मृतक के परिजन और वकील लगातार कोर्ट की कार्रवाई पर नजर रखे हुए थे।

फैसला आने से पहले परिवार के सदस्य और स्थानीय लोग भारी तनाव में नजर आए। रामगोपाल की मां मुन्नी देवी बेटे की हत्या की घटना का जिक्र करते ही भावुक हो गईं और आंसू रोक नहीं पाईं। पत्नी रोली मिश्रा न्याय की प्रतीक्षा में पथरा गईं। पिता कैलाश नाथ मिश्र की तबीयत घटना के बाद खराब रही, और वे अभी मेडिकल कॉलेज में भर्ती हैं। बड़े बेटे हरमिलन मिश्र परिवार का सहारा बने हुए हैं।

रामगोपाल हत्याकांड उस समय का हिस्सा है, जब दशहरे के पावन पर्व पर पूरे जिले में हिंसा फैल गई थी। हिंसा के तुरंत बाद पीएसी को तैनात किया गया और रैपिड एक्शन फोर्स को उतारा गया। डीएम और एसपी खुद स्थिति को नियंत्रित करने में जुटे, लेकिन हालात तुरंत नियंत्रित नहीं हो पाए। तब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हस्तक्षेप करते हुए यूपी एटीएस चीफ अमिताभ यश को जिम्मेदारी सौंपी और धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हुई।

इस मामले में सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही पाए जाने पर कुछ पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया गया। अपर पुलिस अधीक्षक डीपी तिवारी ने बताया कि घटना के दूसरे दिन हरदी एसओ सुरेश कुमार वर्मा और महसी चौकी इंचार्ज शिव कुमार सरोज को निलंबित किया गया था। तीन दिन बाद सीओ रुपेंद्र गौड़ पर भी कार्रवाई हुई। अब विभागीय जांच अंतिम चरण में है और निष्क्रियता व लापरवाही के आरोप में संबंधित अधिकारियों पर जल्द ही कार्रवाई की संभावना है।

रामगोपाल हत्याकांड की सजा की घोषणा ने जिले में शांति और न्याय की उम्मीद जगाई है। स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए और दोषियों को कानून के तहत सजा दिलाने की प्रक्रिया पूरी की।

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