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संविधान दिवस 2025: उपमुख्यमंत्री देवड़ा का आह्वान, संविधान को हर नागरिक करे अध्ययन

संविधान दिवस 2025: उपमुख्यमंत्री देवड़ा का आह्वान, संविधान को हर नागरिक करे अध्ययन

भोपाल। 26 नवंबर को पूरे देश में संविधान दिवस बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर भोपाल में विधानसभा परिसर समेत विभिन्न सरकारी और शैक्षणिक संस्थानों में कार्यक्रम आयोजित किए गए। उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर और अन्य संविधान निर्माताओं को श्रद्धांजलि देते हुए सभी नागरिकों से संविधान के अध्ययन और समझ का आह्वान किया।

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य नागरिकों में संविधान के प्रति जागरूकता बढ़ाना और इसके महत्व को समझाना था। उपमुख्यमंत्री देवड़ा ने कहा कि संविधान केवल अधिकार ही नहीं देता बल्कि कर्त्तव्यों का बोध भी कराता है। उन्होंने सभी शिक्षित और युवाओं से अपील की कि वे संविधान को सिर्फ एक दस्तावेज के रूप में न देखें, बल्कि इसे जीवन में उतारने का प्रयास करें। देवड़ा ने कहा, “संविधान एक ग्रंथ है, इसे सभी को पढ़ना और समझना चाहिए। यही हमारी लोकतांत्रिक जिम्मेदारी है।”

संविधान दिवस का आयोजन 2015 से हर साल पूरे देश में किया जा रहा है। इस दिन विशेष रूप से संविधान निर्माता बाबा साहेब आंबेडकर और अन्य महत्वपूर्ण हस्तियों के योगदान को याद किया जाता है। इस अवसर पर विधानसभा परिसर में आयोजित कार्यक्रम में पंचायत मंत्री प्रहलादसिंह पटेल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी और प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। उन्होंने संविधान के महत्व और उसकी व्यापक प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम के दौरान बाबा साहेब आंबेडकर और अन्य संविधान निर्माताओं के जीवन पर आधारित प्रदर्शनी लगाई गई। इस प्रदर्शनी में उनके संघर्ष, विचार और संविधान निर्माण की प्रक्रिया को चित्रों और दस्तावेजों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया। इससे आए हुए नागरिकों और छात्रों को संविधान के महत्व और उसके ऐतिहासिक संदर्भ की बेहतर जानकारी मिली।

भाषणों के अलावा विद्यार्थियों ने संविधान की प्रस्तावना और इसके मूल सिद्धांतों पर आधारित नाटकीय प्रस्तुतियाँ भी दीं। यह कार्यक्रम युवाओं में संविधान के प्रति सम्मान और समझ बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया। उपमुख्यमंत्री देवड़ा ने कहा कि संविधान का अध्ययन हर नागरिक का कर्तव्य होना चाहिए, और इसके नियमों और अधिकारों का पालन करना हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है।

संविधान दिवस केवल एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह हमें यह याद दिलाने का दिन है कि कैसे हमारे देश की लोकतांत्रिक संरचना बनी और हमें इसके संरक्षण और पालन के लिए सतत प्रयास करने चाहिए। देवड़ा ने सभी को प्रेरित किया कि वे संविधान की शिक्षाओं को अपने जीवन में लागू करें और समाज में संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखें।

इस अवसर पर नागरिकों, छात्रों और अधिकारियों ने भी संविधान को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जताई और कार्यक्रम का हिस्सा बनकर इस दिन को यादगार बनाया।

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