बिहार की राजनीति में बदलाव: गृह मंत्री सम्राट चौधरी UP मॉडल से घुसपैठियों पर लगाएंगे लगाम
बिहार की राजनीति में बदलाव: गृह मंत्री सम्राट चौधरी UP मॉडल से घुसपैठियों पर लगाएंगे लगाम

बिहार – राज्य में राजनीति और कानून व्यवस्था के क्षेत्र में बड़े बदलाव की तैयारी शुरू हो गई है। गृह मंत्री सम्राट चौधरी ने संकेत दिए हैं कि वे UP मॉडल को अपनाकर राज्य में घुसपैठियों की समस्या को नियंत्रित करेंगे। इस कदम के बाद बिहार की राजनीतिक दिशा और ‘लेंथ और लाइन’ में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।
सम्राट चौधरी का यह निर्णय मुख्य रूप से राज्य की सीमावर्ती जिलों में घुसपैठ और अवैध प्रवासियों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। यूपी मॉडल के तहत वहाँ पर पहचान और सत्यापन की प्रक्रिया को सख्त बनाया गया था, जिससे अवैध वोटरों और घुसपैठियों की संख्या में कमी आई थी। बिहार में भी इसी तरह की रणनीति लागू करने की तैयारी है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस कदम का असर सिर्फ कानून व्यवस्था पर नहीं, बल्कि राजनीति पर भी पड़ेगा। विधानसभा चुनावों से पहले राज्य में घुसपैठियों और नए वोटरों की संख्या को लेकर हमेशा बहस होती रही है। अगर UP मॉडल की तर्ज पर बिहार में कार्रवाई हुई, तो यह राजनीतिक समीकरण बदल सकता है।

सम्राट चौधरी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे डेटा संग्रहण, पहचान सत्यापन और पुलिस निगरानी को और प्रभावी बनाएं। इसके तहत सीमावर्ती इलाकों में जन्म प्रमाण पत्र, वोटर लिस्ट और आधार डाटा की जांच भी शामिल है।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, इस कदम से बीजेपी और जदयू को फायदा हो सकता है, क्योंकि अवैध वोटरों पर नियंत्रण से चुनाव में स्थानीय वोटरों की संख्या और प्रभाव साफ दिखाई देगा। वहीं, विपक्ष इस कार्रवाई को सियासी रणनीति बता सकता है।
साथ ही, प्रशासन और गृह विभाग ने कहा है कि यह योजना कानूनी और संवैधानिक प्रक्रिया के तहत लागू की जाएगी। किसी भी व्यक्ति के अधिकारों का उल्लंघन नहीं होगा, और सभी कार्रवाई साक्ष्यों और दस्तावेजों के आधार पर की जाएगी।
संक्षेप में, बिहार में गृह मंत्री सम्राट चौधरी की पहल से राज्य में राजनीति और कानून व्यवस्था दोनों क्षेत्रों में बदलाव देखने को मिल सकता है। घुसपैठियों पर नियंत्रण और सख्त पहचान प्रक्रिया से राज्य की चुनावी रणनीति, प्रशासनिक कार्यप्रणाली और राजनीतिक समीकरण प्रभावित होंगे।

