वोटर वेरिफिकेशन के खिलाफ विपक्ष का मार्च
कैसा लोकतंत्र, सांसदों को चुनाव आयोग जाने की आजादी नहीं

BJP Congress Bihar SIR: वोटर वेरिफिकेशन और चुनाव में वोट चोरी के आरोप पर विपक्ष के 300 सांसदों ने सोमवार को संसद से चुनाव आयोग के ऑफिस तक मार्च निकाला। इस दौरान राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, अखिलेश यादव समेत कई विपक्षी सांसदों को हिरासत में ले लिया गया। इसके बाद उन्हें पार्लियामेंट पुलिस स्टेशन ले गई।प्रदर्शन के दौरान TMC सांसद मिताली बाग की तबीयत बिगड़ गई और वह बेहोश हो गई।

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और अन्य सांसदों ने मदद की। इससे पहले दोनों सदनों में इस मुद्दे पर भारी हंगामा हुआ और कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित कर दी गई। मार्च संसद के मकर द्वार से शुरू हुआ। सांसदों के हाथों में ‘वोट बचाओ’ के बैनर थे। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने कहा था कि इंडिया ब्लॉक ने मार्च के लिए कोई अनुमति नहीं मांगी है, इसलिए इलेक्शन कमीशन जाने से पहले ही मार्च को परिवहन भवन के पास बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया गया।

बाद में अखिलेश ने बैरिकेडिंग फांदकर आगे बढ़ने की कोशिश की। जब सांसदों को आगे नहीं जाने दिया गया तो वे जमीन पर बैठ गए। प्रियंका, डिंपल समेत कई सांसद ‘वोट चोर गद्दी छोड़’ के नारे लगाते दिखे। पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे इन सांसदों को हिरासत में ले लिया है।

कैसा लोकतंत्र जिसमे आजादी नहीं – वेणुगोपाल
कांग्रेस महासचिव और पार्टी सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि, “पुलिस और सरकार हमें 30 सेकंड भी मार्च नहीं करने दे रही है। वे हमें यहीं रोकना चाहते हैं। देश में कैसा लोकतंत्र है, सांसदों को चुनाव आयोग जाने की आजादी नहीं है। अब वे कह रहे हैं कि, सिर्फ 30 लोग ही आ सकते हैं, लेकिन कम से कम उन 30 लोगों को चुनाव आयोग के दफ़्तर जाने की इजाजत तो दीजिए।”