स्वच्छता यात्रा का 65 साल पुराना दस्तावेज़ आया सामने
इंदौर ने 8वीं बार जीता स्वच्छ लीग अवॉर्ड

Cleanest City Indore: शहर की स्वच्छता की पहचान आज भले ही राष्ट्रीय स्तर पर सराही जा रही हो, लेकिन इसका आधार दशकों पुराना है। इसका प्रमाण एक 65 साल पुराना दुर्लभ विज्ञापन है, जिसे इंदौर नगर निगम के जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी किया गया था। यह विज्ञापन आज एक ऐतिहासिक दस्तावेज के रूप में सामने आया है और इसे प्रसिद्ध इतिहासकार जफर अंसारी के निजी संग्रहालय से प्राप्त किया गया है।

इस पुराने विज्ञापन में नगर निगम ने नागरिकों, खासकर पान दुकानदारों और केश कतृनालय से अपील की थी कि वे अपने प्रतिष्ठानों पर कचरा एकत्र करने के लिए एक डब्बा जरूर रखें। यह उस दौर में नागरिक सहभागिता के ज़रिए स्वच्छता को बढ़ावा देने की एक कोशिश थी, जब न तो बड़े अभियान होते थे और न ही तकनीकी सुविधाएं।

विज्ञापन में प्रयुक्त भाषा, शैली और अपील से यह स्पष्ट होता है कि इंदौर में स्वच्छता को लेकर चेतना की शुरुआत बहुत पहले ही हो चुकी थी। यह दस्तावेज़ न सिर्फ नगर निगम की प्रारंभिक स्वच्छता नीति की झलक देता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि इंदौर की नंबर-1 बनने की कहानी एक दिन में नहीं लिखी गई। आज जब इंदौर देश का सबसे स्वच्छ शहर बन चुका है और लगातार पुरस्कार जीत रहा है, ऐसे में यह ऐतिहासिक विज्ञापन बताता है कि स्वच्छता की यह चमकदार इमारत बीते छह दशकों की सोच, प्रयास और नागरिक जिम्मेदारी पर खड़ी है।

देश की स्वच्छता में एक बार फिर मध्यप्रदेश ने अपना दबदबा बनाए रखा। स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 में इंदौर ने एक बार फिर स्वच्छ लीग अवॉर्ड जीतकर अपनी बादशाहत कायम रखी है तो भोपाल ने बड़ी छलांग लगाते हुए देशभर में दूसरा स्थान हासिल किया है। उज्जैन, बुदनी, ग्वालियर और जबलपुर सहित राज्य के कई शहरों को भी सम्मान मिला है….