टॉप-न्यूज़मध्यप्रदेश

बाघ दिवस पर CM मोहन यादव की चेतावनी

मध्यप्रदेश में अब तक 28 बाघों की मौत

Tiger Day 2025: अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस (29 जुलाई) पर मध्यप्रदेश ने बाघों के अस्तित्व और संरक्षण के लिये प्रदेश में जो कार्य किये उसके परिणाम स्वरूप अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे अधिक बाघ मध्यप्रदेश में है। यह न सिर्फ मध्यप्रदेश बल्कि भारत के लिये भी गर्व की बात है। वर्ष 2022 में हुई बाघ गणना में भारत में करीब 3682 बाघ की पुष्टि हुई, जिसमें सर्वाधिक 785 बाघ मध्यप्रदेश में होना पाये गये।

CM Dr. Mohan Yadav
CM Dr. Mohan Yadav

मध्यप्रदेश भारत का टाइगर स्टेट

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की संवेदनशील पहल से मध्य प्रदेश में बाघों की संख्या में वृद्धि के लिए निरंतर प्रयास हो रहे हैं। प्रदेश में बाघों की संख्या बढ़ाने में राष्ट्रीय उद्यानों के बेहतर प्रबंधन की मुख्य भूमिका है। मुख्यमंत्री ने बाघों का शिकार करने वालो को चेतावनी देते हुए कहा कि, बाघ नहीं बचेंगे तो जंगल भी नहीं बचेंगे और जंगल नहीं बचेंगे तो इंसानियत भी नहीं बचेगी। आज 29 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के मौके पर अगर किसी राज्य को इस दिन पर सबसे ज़्यादा फख्र होना चाहिए तो वो है मध्यप्रदेश भारत का टाइगर स्टेट।

Tiger Day 2025
Tiger Day 2025

मध्यप्रदेश जहां जंगलों की दहाड़ आज भी गूंजती है, लेकिन हर गुजरते महीने के साथ ये दहाड़ कमज़ोर पड़ती जा रही है। जुलाई 2025 तक, प्रदेश में 28 बाघों की मौत हो चुकी है। विशेषज्ञ मानते हैं कि ओवरक्राउडिंग, कॉरिडोर ब्लॉकेज और इंसानी दखल इस संकट की बड़ी वजहें हैं। वही पुरानी ताकतवर सेंचुरीज़ कान्हा, बांधवगढ़, पेंच, सतपुड़ा और संजय डुबरी – अब नए तकनीकी संसाधनों से और मज़बूत हो रही हैं। मध्यप्रदेश की सरकार बाघों के लिए ड्रोन सर्विलांस, स्मार्ट कॉरिडोर और ईको-टूरिज्म को भी सक्रिय कर रही है।

Tiger Day 2025
Tiger Day 2025

राष्ट्रीय उद्यानों के प्रबंधन में मध्यप्रदेश शीर्ष पर

मध्यप्रदेश ने टाइगर राज्य का दर्जा हासिल करने के साथ ही राष्ट्रीय उद्यानों और संरक्षित क्षेत्र के प्रभावी प्रबंधन में भी देश में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व को यूनेस्को की विश्व धरोहर की संभावित सूची में शामिल किया गया है। केन्द्र सरकार द्वारा जारी टाइगर रिजर्व के प्रबंधन की प्रभावशीलता मूल्यांकन रिपोर्ट के अनुसार पेंच टाइगर रिजर्व ने देश में सर्वोच्च रेंक प्राप्त की है। बांधवगढ़, कान्हा, संजय और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व को सर्वश्रेष्ठ प्रबंधन वाले रिजर्व माना गया है। इन राष्ट्रीय उद्यानों में अनुपम प्रबंधन योजनाओं और नवाचारी तरीकों को अपनाया गया है।

Tiger Day 2025
Tiger Day 2025

कान्हा, पेंच और कूनो पालपुर के कोर क्षेत्र से सभी गांवों को विस्थापित किया जा चुका है। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व का 90 प्रतिशत से अधिक कोर क्षेत्र भी जैविक दबाव से मुक्त हो चुका है, विस्थापन के बाद घांस विशेषज्ञों की मदद लेकर स्थानीय प्रजातियों के घास के मैदान विकसित किये गये हैं। जिससे शाकाहारी वन्य प्राणियों के लिये वर्षभर चारा उपलब्ध होता है। इस पहल से चीतल, जो कि बाघों का मुख्य भोजन है, उनकी संख्या में वृद्धि हुई है और पूरे भूभाग में चीतल की उपस्थिति पहले से अधिक हुई है।

Tiger Day 2025
Tiger Day 2025

जंगल की सल्तनत कौन चलाएगा?

“बाघ जंगल का राजा है और अगर राजा ही नहीं रहेगा, तो जंगल की सल्तनत कौन चलाएगा? मध्यप्रदेश आज भारत का टाइगर स्टेट जरूर है। लेकिन संख्या का ये ताज, बाघों की मौत के आँकड़ों में कहीं खो न जाए – ये सोचना अब सिर्फ सरकार का नहीं, हम सबका है। लेकिन सवाल अब भी वही है क्या इन क़दमों से बाघ बचेगा? क्या अगला अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाने के लिए हमारे पास उतनी ही गिनती बचेगी?

Tiger Day 2025
Tiger Day 2025

MORE NEWS>>>इंदौर हाईकोर्ट ने NHAI को लगाई फटकार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close
मेना फोन पर ट्रंप का निमंत्रण को ठुकरा दिया राजा, राज सोनम और वो के बीच उलझी हत्याकांड की कहानी BJP नेता के CNG पंप पर पैसों को लेकर विवाद बढ़ा। ईरान से भारतीयों को रेस्क्यू करने के ऑपरेशन को सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंधु’ नाम दिया है।