Delhi Car Blast: NIA ने अल-कायदा गुजरात आतंकी साजिश मामले में गुरुवार को पांच राज्यों पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, मेघालय, हरियाणा और गुजरात में 10 ठिकानों पर छापेमारी की। जांच में अवैध रूप से भारत में घुसे बांग्लादेशी नागरिकों की भूमिका का शक है। यह मामला 2023 में दर्ज किया गया था, जिसमें चार बांग्लादेशी मोहम्मद सोजिब मियां, मुन्ना खालिद अंसारी, अजरुल इस्लाम और अब्दुल लतीफ के नाम शामिल हैं। एनआईए ने तलाशी के दौरान डिजिटल उपकरण और दस्तावेज जब्त किए हैं, जिन्हें फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।

आतंकी उमर की पहचान हुई
दिल्ली में लाल किले के पास हुए कार धमाके में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच एजेंसियों ने पुष्टि की है कि धमाका करने वाला आतंकी डॉ. उमर मोहम्मद ही था। फॉरेंसिक टीम ने कार में मिले शव के डीएनए नमूने का मिलान उमर की मां के डीएनए से किया, जो सटीक मेल खा गया।

सोमवार शाम हुए इस विस्फोट में उमर मौके पर ही मारा गया था। बताया जा रहा है कि आई20 कार में विस्फोटक सामग्री भरी हुई थी, जिससे धमाका बेहद शक्तिशाली था। जांच एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि उमर को विस्फोटक और कार कहां से मिली, और इसके पीछे कौन-सी आतंकी साजिश काम कर रही थी।

ब्लास्ट में नूंह का कनेक्शन उजागर
लाल किला ब्लास्ट मामले में मेवात के नूंह से कनेक्शन सामने आया है। जांच एजेंसियों को पता चला है कि डॉ. उमर और डॉ. मुजम्मिल ने अमोनियम नाइट्रेट तैयार करने के लिए 20 क्विंटल से अधिक फर्टिलाइजर करीब तीन लाख रुपये में खरीदा था। टीम ने नूंह की कई फर्टिलाइजर दुकानों पर छापेमारी और वीडियोग्राफी की है ताकि खरीदी की पहचान की जा सके।

इसके अलावा एजेंसियों को दोनों डॉक्टरों की डायरियां और नोटबुक मिली हैं, जिनमें कोड वर्ड्स और ऑपरेशन शब्द का कई बार जिक्र है। यह डायरी अल-फलाह यूनिवर्सिटी कैंपस के कमरों से बरामद की गई हैं। जांच में यह भी सामने आया कि आरोपियों ने 20 लाख रुपये नकद जुटाए, जिनका उपयोग IED बनाने के लिए हुआ। सुरक्षा एजेंसियां अब इन डायरी और डिजिटल सबूतों की गहन जांच में जुटी हैं।





