टॉप-न्यूज़मनोरंजनविदेश

खाड़ी के छह देशों में फिल्म धुरंधर बैन, एंटी-पाकिस्तान कंटेंट पर विवाद तेज

खाड़ी के छह देशों में फिल्म धुरंधर बैन, एंटी-पाकिस्तान कंटेंट पर विवाद तेज

फिल्म धुरंधर को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। भारत में बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड बनाते हुए इस फिल्म ने जबरदस्त सफलता हासिल की है, लेकिन अब खाड़ी के छह देशों— बहरीन, कुवैत, यूएई, ओमान, क़तर और सऊदी अरब—ने इस फिल्म पर आधिकारिक रूप से प्रतिबंध लगा दिया है।

इन देशों की सेंसरशिप अथॉरिटी का कहना है कि धुरंधर में कथित एंटी-पाकिस्तान कंटेंट, संवेदनशील राजनीतिक प्रस्तुति और क्षेत्रीय शांति को प्रभावित करने वाले दृश्य दिखाए गए हैं। इनके मुताबिक, ऐसी सामग्री उनके सिनेमाई दिशा-निर्देशों और सांस्कृतिक मानकों के अनुरूप नहीं है। यही वजह है कि फिल्म को खाड़ी क्षेत्र में रिलीज़ की अनुमति नहीं दी गई।

हालांकि, भारत में इस फिल्म को लेकर उत्साह चरम पर है। रिलीज़ के पहले ही हफ्ते में फिल्म ने कई बड़े रिकॉर्ड तोड़ दिए और इसे साल की सबसे बड़ी ब्लॉकबस्टर माना जा रहा है। न सिर्फ भारत में, बल्कि अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और एशिया के कई हिस्सों में भी इसकी कमाई लगातार बढ़ रही है।

फिल्म समीक्षकों का मानना है कि धुरंधर की सफलता की वजह इसका दमदार एक्शन, प्रभावशाली कहानी और राष्ट्रीय भावनाओं से जुड़ा मजबूत संदेश है। कुछ लोगों का कहना है कि खाड़ी देशों में बैन होने से फिल्म को “सहानुभूति का अतिरिक्त लाभ” मिला है, जिससे दर्शकों में फिल्म को देखने की इच्छा और बढ़ गई है।

फिल्म के निर्माता और निर्देशक ने बैन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनका उद्देश्य किसी भी देश या समुदाय के खिलाफ नफरत फैलाने का नहीं था, बल्कि कहानी एक काल्पनिक प्लॉट पर आधारित है, जिसे कुछ देशों ने गलत तरीके से समझा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में स्थितियाँ सामान्य होंगी और फिल्म को उन देशों में भी प्रदर्शित करने की अनुमति मिलेगी।

फिल्म उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि खाड़ी देशों में बैन का असर फिल्म की कमाई पर जरूर पड़ेगा, क्योंकि ये भारतीय फिल्मों के लिए बड़े मार्केट माने जाते हैं। लेकिन धुरंधर की वर्तमान सफलता को देखते हुए इसकी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कमाई पर बड़ा असर होने की संभावना कम है।

दूसरी ओर, सोशल मीडिया पर भी फिल्म का बैन गर्म चर्चा का विषय बना हुआ है। कई लोग इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बता रहे हैं, जबकि कुछ लोग सेंसर बोर्ड के निर्णय को सही मान रहे हैं। ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर #DhurandharMovie हैशटैग ट्रेंड कर रहा है और फिल्म के समर्थन में लाखों पोस्ट साझा किए जा चुके हैं।

कुल मिलाकर, धुरंधर की कहानी सिर्फ स्क्रीन तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह एक वैश्विक बहस का मुद्दा बन चुकी है। एक तरफ जहां खाड़ी देशों में इसे पूरी तरह रोक दिया गया है, वहीं भारत और अन्य देशों में फिल्म का क्रेज लगातार बढ़ रहा है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह विवाद फिल्म की लोकप्रियता को और अधिक बढ़ा देगा।

MORE NEWS>>>इंदौर के महामंडलेश्वर रामगोपाल दास महाराज का बड़ा बयान: “बाबर के नाम पर बने स्मृति चिन्ह तोड़ देंगे”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close