बाबरी मस्जिद नींव कार्यक्रम के बाद MLA हुमायूं कबीर को मिली मौत की धमकी, खुद संभालेंगे सुरक्षा
बाबरी मस्जिद नींव कार्यक्रम के बाद MLA हुमायूं कबीर को मिली मौत की धमकी, खुद संभालेंगे सुरक्षा

पश्चिम बंगाल से शुरू हुआ बाबरी मस्जिद नींव विवाद अब राष्ट्रीय राजनीति में सुर्खियों में है। तृणमूल कांग्रेस से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने दावा किया है कि उन्हें पिछले सात दिनों से लगातार मौत की धमकियां मिल रही हैं। धमकियां कॉल के माध्यम से दी जा रही हैं और इनमें कहा गया है कि “बाबरी की नींव रखने से पहले ही खत्म कर दिया जाएगा।”
कबीर ने खुलासा किया कि धमकियां बंगाल के बाहर से आ रही हैं, और उन्होंने राज्य सरकार और केंद्र को अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सूचित किया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि बंगाल पुलिस पर भरोसा नहीं है और इसी वजह से वह अपनी सुरक्षा स्वयं संभालेंगे। इसके लिए उन्होंने आठ निजी गार्ड तैनात करने का निर्णय लिया है।
हुमायूं कबीर ने कहा कि 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद की नींव रखने के कार्यक्रम के बाद से धमकियां बढ़ गई हैं। इसके बावजूद उन्होंने स्पष्ट किया कि वह डरेंगे नहीं और अल्लाह पर भरोसा रखते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि 16 दिसंबर को वह बेंगलुरु और उसके बाद नोएडा जाने की योजना बना रहे हैं, और सुरक्षा के लिए हर आवश्यक कदम उठाएंगे।
कबीर ने राज्य और केंद्र सरकार से सुरक्षा में व्यापक सहयोग की उम्मीद जताई है। साथ ही उन्होंने हाईकोर्ट जाने की भी तैयारी शुरू कर दी है, ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इस पूरे मामले ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है और बाबरी मस्जिद विवाद फिर से सुर्खियों में आ गया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की धमकियां विधायकों और जनता के बीच भय फैलाने का प्रयास हैं, और प्रशासन को तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है। सुरक्षा के लिए निजी गार्ड तैनात करना विधायकों का अधिकार है, लेकिन राज्य और केंद्र सरकार की भूमिका इस मामले में बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
इस घटनाक्रम ने पश्चिम बंगाल की राजनीति में भी नया विवाद खड़ा कर दिया है। राज्य में कानून-व्यवस्था और सुरक्षा एजेंसियों की तत्परता पर सवाल उठने लगे हैं। हुमायूं कबीर की सुरक्षा सुनिश्चित करना न केवल उनके व्यक्तिगत अधिकार का मामला है, बल्कि यह राजनीतिक स्थिरता और कानून के शासन के लिए भी महत्वपूर्ण है।





