इंदौर-दाहोद नई ब्रॉडगेज रेल लाइन: मार्च 2026 तक इंदौर से धार के बीच ट्रेन शुरू, 17 साल का इंतजार खत्म
इंदौर-दाहोद नई ब्रॉडगेज रेल लाइन: मार्च 2026 तक इंदौर से धार के बीच ट्रेन शुरू, 17 साल का इंतजार खत्म

इंदौर-दाहोद नई ब्रॉडगेज रेल लाइन परियोजना (204.76 किमी) में 17 साल के लंबे इंतजार के बाद अगले साल मार्च 2026 तक इंदौर से धार के बीच ट्रेन शुरू हो सकती है। इस परियोजना का भूमिपूजन वर्ष 2008 में हुआ था और 2013 में निर्माण कार्य शुरू किया गया।
रेलवे अधिकारियों का दावा है कि फरवरी 2026 तक टनल का काम पूरा हो जाएगा। वर्तमान में इंदौर से टीही (21 किमी) और दाहोद से कटवारा (11.30 किमी) खंड का कुल 32.30 किमी भाग शुरू हो चुका है। टीही से धार के बीच ट्रैक लिंकिंग और मोबिल फ्लैश वेल्डिंग का काम प्रगति पर है।
इस परियोजना का सबसे बड़ा आकर्षण टीही टनल (2.95 किमी) है, जिसमें से 1.87 किमी काम पूरा हो चुका है। टनल में पानी निकालने के लिए लोहे की 150 और 400 मिमी की लाइन बिछाई गई है। हर 50 मीटर पर कुल 30 मेन होल बनाए गए हैं ताकि टनल में जमा पानी को बाहर निकाला जा सके।
रेलवे बैलास्ट लैस ट्रैक बिछाने का काम भी टनल के अंदर शुरू हो गया है। दोनों टनल एंड्स पर मटेरियल लाने-ले जाने के लिए कार्य जारी है। अगले दो महीनों में बचा हुआ 60 मीटर का हिस्सा भी पूरा करने का लक्ष्य है।
प्रोजेक्ट का महत्व:
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इंदौर-मुंबई दूरी कम होगी: इस परियोजना के पूरा होने से इंदौर और मुंबई के बीच रेल मार्ग लगभग 55 किमी छोटा हो जाएगा।
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गुजरात-महाराष्ट्र से बेहतर कनेक्टिविटी: नई रेल कड़ी इंदौर को गुजरात और महाराष्ट्र से सीधे जोड़ेगी।
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औद्योगिक और माल भाड़ा लाभ: पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र को सीधी रेल कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे माल ढुलाई सस्ता और तेज होगा।
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आदिवासी व पिछड़े क्षेत्रों के लिए लाभ: धार, झाबुआ जैसे क्षेत्रों को पहली बार रेल सुविधा मिलेगी, जिससे रोजगार और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
रेलवे जनसंपर्क अधिकारी खेमराज मीणा ने कहा, “टनल का काम अंतिम चरण में है। हम हरसंभव प्रयास कर रहे हैं कि मार्च 2026 तक इंदौर से धार के बीच ट्रेन शुरू हो सके।”
यह परियोजना केवल यात्रा समय कम करने वाली नहीं बल्कि आदिवासी बहुल और पिछड़े क्षेत्रों के लिए विकास का नया रास्ता खोलने वाली है।





