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इंदौर क्राइम ब्रांच ने पकड़ा नकली नोटों का गैंग, चार आरोपी गिरफ्तार; सोशल मीडिया की रील से शुरू हुआ अपराध का सफर

इंदौर क्राइम ब्रांच ने पकड़ा नकली नोटों का गैंग, चार आरोपी गिरफ्तार; सोशल मीडिया की रील से शुरू हुआ अपराध का सफर

इंदौर क्राइम ब्रांच ने शहर में नकली नोटों का नेटवर्क चलाने वाले चार युवकों को गिरफ्तार कर एक बड़े अपराध का पर्दाफाश किया है। पकड़े गए आरोपी—ऋषिकेश तोण्डे, वंश कैथवास, रितेश नागर और अकुंश यादव—सभी इंदौर निवासी हैं और प्राइवेट जॉब करते थे। लेकिन आसान और जल्दी पैसा कमाने की चाह ने उन्हें अपराध की ऐसी दुनिया में धकेल दिया, जहाँ से निकलना अब उनके लिए बेहद मुश्किल हो गया है।

क्राइम ब्रांच की टीम को पिछले कुछ दिनों से बाजार और कुछ छोटी दुकानों पर अलग-अलग सीरीज के नकली नोट चलाए जाने की शिकायतें मिल रही थीं। टीम ने इन शिकायतों को गंभीरता से लिया और मुखबिरों के जरिए सूचना जुटाना शुरू किया। इसी बीच उन्हें इन चार युवकों की गतिविधियों पर शक हुआ। जब पुलिस ने इन्हें रोका और तलाशी ली—तो उनके पास से करीब दो लाख रुपए के नकली नोट बरामद किए गए, जिन्हें बेहद बारीकी से तैयार किया गया था।

पुलिस जांच में पता चला कि आरोपी कोई पेशेवर अपराधी नहीं थे। वे साधारण नौकरियों में काम करते थे, लेकिन सोशल मीडिया—विशेष रूप से इंस्टाग्राम—ने उनकी सोच बदल दी। पूछताछ में उन्होंने बताया कि उन्होंने एक रील देखी जिसमें शॉर्टकट से पैसा कमाने के विभिन्न तरीकों को दिखाया गया था। इसी वीडियो में नकली नोट बनाने की ‘टिप्स’ भी बताई गई थीं। जल्द ही अमीर बनने के लालच में वे इस खतरनाक रास्ते पर उतर गए।

इन युवकों ने शुरू में छोटे स्तर पर कुछ नोट तैयार किए और उन्हें बाजार में चलाया। जब यह काम सफल होने लगा तो इनकी हिम्मत बढ़ी और इन्होंने बड़ी मात्रा में नकली नोट तैयार करने शुरू कर दिए। क्राइम ब्रांच के अनुसार, बरामद नोट कई अलग-अलग सीरीज में प्रिंट किए गए थे, ताकि पकड़ में आने की संभावना कम रहे।

आरोपियों के पास से नकली नोटों के अलावा दोपहिया वाहन भी जब्त किए गए हैं, जिनका उपयोग वे नोट सप्लाई करने और बाजारों में घुमाने के लिए करते थे। पुलिस का कहना है कि यह गिरोह अब शुरुआत कर रहा था, लेकिन समय रहते कार्रवाई कर इन चारों को पकड़ लिया गया।

क्राइम ब्रांच अधिकारियों ने इस घटना को युवाओं के बीच सोशल मीडिया के गलत प्रभाव का खतरनाक उदाहरण बताया है। उन्होंने कहा कि रील या वीडियो देखकर अपराध के रास्ते पर जाना न सिर्फ कानूनन अपराध है बल्कि जीवन बर्बाद करने जैसा है। फिलहाल चारों आरोपियों पर धारा 489-A, 489-B, 489-C सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज कर आगे की जांच की जा रही है।

यह मामला शहर में नकली नोटों के बढ़ते खतरे के प्रति警 चेतावनी है और बताता है कि कैसे सोशल मीडिया का गलत उपयोग युवा पीढ़ी को गलत दिशा में ले जा रहा है।

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