Indore News: इंदौर के सड़कों पर अक्सर भिखारी नजर आते हैं, लेकिन हाल ही में एक चौंकाने वाली बात सामने आई है। इंदौर महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम ने 323 भिखारियों को पकड़ा और उन्हें उज्जैन के सेवाधाम आश्रम भेजा।
इन भिखारियों के बारे में जो खुलासा हुआ, वह काफी चौंकाने वाला था। इनमें से कुछ भिखारियों के पास तो 10 बीघा ज़मीन थी, जबकि कुछ की मासिक कमाई 50 हजार से 60 हजार रुपए तक थी। एक महिला तो रोजाना 500 रुपए का खर्च ड्रग्स पर करती थी। दरअसल, इंदौर की गलियों में एक महिला का नाम चर्चा में आया, जो 72 साल की उम्र में भीख मांग कर 75 हजार रुपए सप्ताह भर में कमाई कर चुकी थी। यह महिला थी शकुंतला बाई। शहर के एक रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान जब पुलिस ने उन्हें पकड़ा, तब उनके पास 75 हजार रुपए कैश थे। इस राशि को देखकर पुलिसवाले चौंक गए थे।
शकुंतला बाई ने तब बताया, “यह पैसे मैंने सिलाई कर जोड़े हैं, कभी भी भीख नहीं मांगी। 20 साल से यह पैसे इकट्ठा कर रही हूं, अब घर बनाना है।” शकुंतला बाई का कहना था कि वह 40 साल से सिलाई का काम कर रही हैं। जब पुलिस ने पूछा कि आपने इतने पैसे शरीर में क्यों बांध रखे थे, तो उनका जवाब था, “बैंक वाले 2 साल से पैसे नहीं ले रहे थे. उसने यह भी बताया कि वह अकेले रहती हैं, और उनके दो बेटे बाहर रहते हैं, भिखारी सिर्फ वही नहीं होते जिन्हें हम सड़कों पर देखते हैं, बल्कि कई बार वह हमारी आंखों से ओझल होते हैं, जो खुद को छिपाकर अपनी वास्तविक स्थिति को छुपाए रखते हैं।
सेवाधाम आश्रम के सुधीर भाई गोयल ने बताया कि इंदौर से 126 पुरुष, 163 महिलाएं और 64 बच्चों को आश्रम भेजा गया है। जब ये यहां आए, तो गंदे कपड़े पहने हुए थे। हमने इनके कपड़ों के साथ खाने-पीने की व्यवस्था की। सभी को भीख नहीं मांगने की शपथ दिलाई है। इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने सभी को बॉन्ड भरवाने के बाद छोड़ने के बात कही है।
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