Indore News: मध्य प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने शुक्रवार को पीथमपुर में आग की घटना के घायलों से मुलाकात की। उन्होंने अस्पताल में पहुंचकर घायल युवकों का हालचाल जाना और चिकित्सकों से बातचीत कर उनके बेहतर उपचार के निर्देश दिए।
मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि सरकार पीड़ितों के स्वास्थ्य को लेकर पूरी तरह गंभीर है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि घायलों की स्थिति अब खतरे से बाहर है और उनका इलाज सर्वोत्तम तरीके से किया जा रहा है।
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, “मध्य प्रदेश सरकार संकट की इस घड़ी में पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है। हर संभव मदद की जाएगी और किसी भी प्रकार की कमी नहीं आने दी जाएगी।” सरकार ने घटना को लेकर संवेदनशीलता दिखाते हुए पीड़ित परिवारों को राहत पहुंचाने और हरसंभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है।
इंदौर में भिक्षावृत्ति पर लगाम
इंदौर में भिक्षावृत्ति को समाप्त करने के लिए कलेक्टर आशीष सिंह ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। 3 जनवरी 2025 को जारी किए गए आदेश में जिले भर में भिक्षावृत्ति को प्रतिबंधित कर दिया गया है।
अब किसी भी स्थान पर भिक्षावृत्ति में लिप्त व्यक्ति को भिक्षा देना या उनसे सामान खरीदना कानूनी अपराध होगा। यह आदेश 2 जनवरी से 28 फरवरी 2025 तक प्रभावी रहेगा, और आदेश के उल्लंघन पर भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी। लेकिन, प्रशासन यहां रुकेगा नहीं! कलेक्टर ने यह भी ऐलान किया है कि यदि कोई भिक्षावृत्ति की सूचना देता है और वह सही पाई जाती है, तो उसे ₹1000 की प्रोत्साहन राशि मिलेगी! यदि आपको अपने आस-पास किसी भिक्षावृत्ति की जानकारी है तो तत्काल महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी को सूचित करें और ₹1000 जीतें।
इंदौर प्रशासन ने इस कार्यवाही को एक मिशन के तौर पर लिया है। चौराहों, ट्रैफिक सिग्नल्स और धार्मिक स्थलों पर भिक्षावृत्ति में लिप्त व्यक्तियों का पीछा करते हुए, प्रशासन ने अब तक 354 वयस्कों को रेस्क्यू कर सेवाधाम आश्रम भेजा है और 45 बच्चों को बाल देखरेख संस्थान (CCI) में दाखिल कराया है। भिक्षावृत्ति से जुड़ी सामाजिक और आपराधिक गतिविधियों को खत्म करने के लिए यह कदम स्वागत योग्य है। अब इंदौर में यातायात पर भी कोई रुकावट नहीं होगी, और शहर भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने के रास्ते पर है। यह कड़ा कदम न केवल इंदौर के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा बन सकता है।
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