इंदौर में बड़ा खुलासा: देपालपुर के प्राप्ति बायोडीजल पंप पर छापा, 17,671 लीटर नकली बायोडीजल जब्त
इंदौर में बड़ा खुलासा: देपालपुर के प्राप्ति बायोडीजल पंप पर छापा, 17,671 लीटर नकली बायोडीजल जब्त

इंदौर जिले के देपालपुर क्षेत्र में नकली बायोडीजल बेचने के बड़े मामले का पर्दाफाश हुआ है। जिला प्रशासन और खाद्य विभाग की संयुक्त टीम ने प्राप्ति बायोडीजल पंप पर छापेमारी कर 17,671 लीटर संदिग्ध और मानक से बाहर निकले बायोडीजल को मौके से जप्त किया। जब्त किए गए इस बायोडीजल की कीमत लगभग 15 लाख रुपये से अधिक बताई गई है। प्रारंभिक जांच के आधार पर पंप को तुरंत प्रभाव से सील कर दिया गया।
किस तरह खुला मामला?
खाद्य विभाग को प्राप्ति बायोडीजल पंप के खिलाफ लगातार शिकायतें मिल रही थीं, जिनमें आरोप था कि पंप पर मानक गुणवत्ता का बायोडीजल न बेचकर मिलावटी और अवैध सप्लाई वाला बायोडीजल बेचा जा रहा है। शिकायतों की पुष्टि के लिए खाद्य विभाग की टीम ने रविवार को अचानक मौके पर पहुंचकर विस्तृत जांच की।
जांच के दौरान यह सामने आया कि पंप संचालक राज्य सरकार द्वारा अधिकृत छह कंपनियों के सप्लायरों से बायोडीजल नहीं लेकर किसी अनाधिकृत फर्म से अवैध आपूर्ति ले रहा था। यह सीधे-सीधे मानकों का उल्लंघन और जनहित से जुड़ी गंभीर अनियमितता मानी गई।
मौके पर मिला नकली बायोडीजल
जांच टीम ने नमूने लिए और प्रारंभिक परीक्षण में यह स्पष्ट हो गया कि पंप पर मौजूद बायोडीजल मानक गुणवत्ता से बहुत कम और नकली है। इसी आधार पर:
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पंप की संपूर्ण बिक्री बंद करवाई गई
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डिस्पेंसिंग यूनिट सील की गई
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भूमिगत टैंक सील किए गए
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17,671 लीटर नकली बायोडीजल जप्त किया गया
जप्त ईंधन की कीमत 15 लाख रुपये से अधिक आंकी गई है। अधिकारियों ने बताया कि यह नकली बायोडीजल वाहन इंजनों को गंभीर क्षति पहुंचा सकता था, साथ ही पर्यावरण के लिए भी हानिकारक होता।
कलेक्टर ने दिए सख्त निर्देश—अब होगी कड़ी कार्रवाई
छापे के बाद जिला प्रशासन भी हरकत में आ गया। कलेक्टर शिवम वर्मा ने इस मामले पर सख्त रुख अपनाया और स्पष्ट कहा:
“जो भी पंप संचालक इस तरह की गतिविधियों में शामिल हैं, उनके खिलाफ लगातार सख्त कार्रवाई की जाएगी। उपभोक्ताओं से धोखाधड़ी और मानक ईंधन की जगह नकली ईंधन बेचने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।”
कलेक्टर ने विभागों को निर्देश दिए कि पूरे जिले में बायोडीजल और अन्य ईंधन बेचने वाले पंपों की नियमित जांच की जाए, ताकि भविष्य में कोई भी पंप अवैध गतिविधि न कर सके।





