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इंदौर के महामंडलेश्वर रामगोपाल दास महाराज का बड़ा बयान: “बाबर के नाम पर बने स्मृति चिन्ह तोड़ देंगे”

इंदौर के महामंडलेश्वर रामगोपाल दास महाराज का बड़ा बयान: “बाबर के नाम पर बने स्मृति चिन्ह तोड़ देंगे”

इंदौर। पश्चिम बंगाल की राजनीति में उठे एक विवाद ने अब मध्य प्रदेश तक अपनी आंच फैला दी है। टीएमसी के पूर्व नेता हुमायूं कबीर के बाबर को लेकर दिए बयान पर देशभर में प्रतिक्रिया जारी है। इसी क्रम में इंदौर के प्रसिद्ध संत और महामंडलेश्वर रामगोपाल दास महाराज ने सामने आकर कड़ा विरोध जताया है।

महामंडलेश्वर रामगोपाल दास महाराज ने साफ शब्दों में कहा कि बाबर एक आक्रांता था, विधर्मी था, और उसके नाम पर किसी भी तरह का स्मारक, मस्जिद या स्मृति स्थल बनाना सनातन धर्म के लोगों को कभी स्वीकार नहीं होगा। उन्होंने चेतावनी भरे अंदाज़ में कहा कि यदि देश में कहीं भी बाबर के नाम से कोई स्मारक बनाया गया, तो संत समाज स्वयं आगे आकर उसे तोड़ देगा।

उन्होंने कहा—
अगर बाबर के नाम पर कोई स्मृति चिन्ह बनाएगा, तो हम संत समाज के लोग उसे तोड़कर वहाँ सुलभ शौचालय बना देंगे। बाबर की महिमा गाना सनातनियों का अपमान है, इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

उनके इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर चर्चाएं तेज हो गई हैं। कई लोग इसे संत समाज का सख्त रुख बता रहे हैं, वहीं कुछ लोग इसे राजनीतिक माहौल को और गर्म करने वाला कदम कह रहे हैं।


🌍 विवाद की पृष्ठभूमि

पश्चिम बंगाल के पूर्व टीएमसी नेता हुमायूं कबीर ने हाल ही में बाबर को लेकर एक बयान दिया था, जिसके बाद हिंदू संगठनों और संत समाज के कुछ वर्गों ने आपत्ति जताते हुए इसे सनातन धर्म का अपमान बताया। यह विवाद अब राज्य की सीमा पार कर मध्य प्रदेश तक पहुंच चुका है।


🔥 संत समाज की चेतावनी

महामंडलेश्वर रामगोपाल दास महाराज ने कहा कि बाबर कोई आदर्श व्यक्तित्व नहीं था, बल्कि भारत पर अधिकार जमाने वाला विदेशी लुटेरा था। ऐसे में उसके नाम पर किसी भी तरह की प्रशंसा या स्मारक निर्माण भारत की संस्कृति और आस्था का अपमान है।
उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति किसी भी आक्रांता का महिमामंडन बर्दाश्त नहीं करेगी।


🚨 इंदौर में बढ़ी हलचल

इंदौर में इस बयान के बाद धार्मिक संगठनों और सामाजिक संस्थाओं में चर्चा तेज हो गई है। कई संगठनों ने महामंडलेश्वर के बयान का समर्थन किया और कहा कि बाबर जैसे आक्रांता का नाम भारत में कहीं भी संरक्षित या सम्मानित नहीं होना चाहिए।

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