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इंदौर में SIR के बाद 5 लाख से अधिक मतदाता लापता, आयोग ने कलेक्टर से की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग

इंदौर में SIR के बाद 5 लाख से अधिक मतदाता लापता, आयोग ने कलेक्टर से की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग

इंदौर जिले में मतदाता सूची सुधार (SIR) की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है, लेकिन इसके बावजूद करीब 5 लाख से अधिक मतदाता अब तक जिला प्रशासन की जानकारी में नहीं आए हैं। यह समस्या अब प्रशासन के लिए एक गंभीर सिरदर्द बन चुकी है। ऐसे में भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने प्रदेश के सभी कलेक्टर और संबंधित अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा की।

इस बैठक में आयोग ने SIR प्रक्रिया के बाद आगामी कार्यों और मतदाता सूची पुनरीक्षण के अगले चरणों की जानकारी दी। आयोग ने स्पष्ट निर्देश दिए कि 16 दिसंबर से दावे-आपत्तियों की सुनवाई शुरू होगी। कलेक्टर शिवम वर्मा ने बताया कि प्रत्येक बीएलओ (Booth Level Officer) दिन में केवल 50 आपत्तियों की सुनवाई करेंगे, जिससे सुनवाई प्रक्रिया व्यवस्थित और पारदर्शी हो।

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि ऐसे इलाकों की पहचान की जाएगी, जहाँ से सबसे अधिक संख्या में मतदाता स्थानांतरित हुए हैं या अभी तक लापता पाए गए हैं। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि सभी मतदाता सूची में शामिल हों और किसी को भी मतदान प्रक्रिया से वंचित न किया जाए।

कलेक्टर शिवम वर्मा ने बैठक के दौरान कहा, “SIR प्रक्रिया के बावजूद अब तक करीब 5 लाख मतदाता हमारी सूची में नहीं दिखाई दे रहे हैं। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम उन्हें ढूंढें और सुनिश्चित करें कि वे आगामी चुनाव में अपने मत का प्रयोग कर सकें।”

जिला प्रशासन ने इसके लिए विशेष टीमें गठित की हैं जो लगातार घर-घर जाकर मतदाताओं की जानकारी जुटा रही हैं। आयोग ने भी कलेक्टर और अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इन लापता मतदाताओं के मामलों में तेजी से कार्रवाई करें।

विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह के लापता मतदाता आमतौर पर ग्रामीण और घुमंतू क्षेत्रों में रहते हैं। उन्हें खोजने और सूची में शामिल करने के लिए प्रशासन को डिजिटल टूल्स और स्थानीय जनसंपर्क का प्रभावी उपयोग करना होगा।

चुनाव आयोग की यह बैठक इस बात का संकेत है कि आगामी चुनाव में पारदर्शिता और सभी मतदाताओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सभी स्तरों पर कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जिला प्रशासन कितनी तेजी से 5 लाख से अधिक लापता मतदाताओं को सूची में शामिल कर पाता है।

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