इंदौर-उज्जैन-ओंकारेश्वर हेली सेवा: 3 बड़ी चुनौतियां और बंद हुई ₹3 हजार वाली फ्लाइट
इंदौर-उज्जैन-ओंकारेश्वर हेली सेवा: 3 बड़ी चुनौतियां और बंद हुई ₹3 हजार वाली फ्लाइट

इंदौर, उज्जैन और ओंकारेश्वर के बीच हेली सेवा फिर चर्चा में है। पहले ₹3 हजार किराए वाली सीधी फ्लाइट बंद होने के बाद अब इस सेवा की स्थिरता पर सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस ने इस हेली सेवा को भाजपा का VIP टूरिज्म करार देते हुए आरोप लगाया है कि आम जनता के लिए यह सेवा प्रभावी नहीं है।
विशेषज्ञों के अनुसार इस सेवा के संचालन में तीन प्रमुख चुनौतियां सामने आई हैं।
1. कम यात्री संख्या और आर्थिक व्यवहार्यता:
₹3 हजार प्रति व्यक्ति की फ्लाइट शुरू होने के बावजूद यात्रियों की संख्या अपेक्षाकृत कम रही। कम यात्री होने से विमान संचालन का खर्च पूरा नहीं होता और सेवा लंबे समय तक आर्थिक रूप से टिकाऊ नहीं रहती। पहले इस वजह से ही सीधी फ्लाइट बंद करनी पड़ी।
2. मौसम और सुरक्षा चुनौतियां:
हेली सेवा हवाई मार्ग पर निर्भर करती है, इसलिए मौसम और तकनीकी सुरक्षा सबसे बड़ी चुनौती हैं। उज्जैन और ओंकारेश्वर क्षेत्र में मौसम की अनिश्चितता के कारण उड़ानों को रोकना या रद्द करना पड़ सकता है। इसके अलावा, हेलीकॉप्टर की सुरक्षा और आपातकालीन प्रबंधन भी नियमित संचालन के लिए आवश्यक है।

3. राजनीतिक और सार्वजनिक आलोचना:
हेली सेवा को लेकर कांग्रेस ने इसे केवल VIP टूरिज्म बताया है। इसका आरोप यह है कि आम लोगों के बजाय यह सुविधा राजनीतिक और प्रभावशाली लोगों के लिए शुरू की गई। सार्वजनिक आलोचना और मीडिया में चर्चा ने इस सेवा के प्रचार और यात्रियों की संख्या पर असर डाला।
हालांकि, प्रशासन और परिवहन विभाग का कहना है कि हेली सेवा से तीर्थयात्रियों और तीर्थ क्षेत्र के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। विशेष अवसरों और धार्मिक उत्सवों में यह सेवा उपयोगी साबित हो सकती है। अधिकारियों का कहना है कि भविष्य में सेवा को बेहतर बनाने के लिए यात्री संख्या बढ़ाना और operational challenges को कम करना जरूरी है।
इंदौर-उज्जैन-ओंकारेश्वर हेली सेवा का उद्देश्य तीर्थयात्रियों को समय बचाने और यात्रा सुविधाजनक बनाने के साथ ही पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देना था। हालांकि पहले की ₹3 हजार वाली फ्लाइट बंद होने के बाद प्रशासन और एयरलाइन ऑपरेटर भविष्य में बेहतर रणनीति अपनाने की योजना बना रहे हैं।
इस सेवा की सफलता के लिए यात्रियों की संख्या बढ़ाना, मौसम और सुरक्षा प्रबंधन को मजबूत करना और सार्वजनिक आलोचना का समाधान करना जरूरी है। केवल तभी हेली सेवा लंबे समय तक टिकाऊ और लाभकारी साबित होगी।





