सावन के अंतिम सोमवार पर महाँकाल की भव्य सवारी
उज्जैन में तोपों की सलामी संग गूंजे हर हर महादेव के जयघोष

Mahakal Sawari: आज श्रावण मास का अंतिम सोमवार है और उज्जैन नगरी आज फिर भोले की भक्ति में डूबी हुई है। राजाधिराज महाँकाल सरकार आज चंद्रमौलेश्वर स्वरूप में नगर भ्रमण पर निकल रहे हैं। सुबह से ही महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ा हुआ है। पूरा परिसर “हर हर महादेव” और “जय श्री महाकाल” के जयघोषों से गूंज रहा है।

आज शाम 4 बजे सभा मंडप से रजत पालकी में बाबा चंद्रमौलेश्वर स्वरूप में, गजराज पर मनमहेश, गरुड़ रथ पर शिव तांडव, नंदी रथ पर उमा-महेश की सवारी प्रारंभ होगी। परंपरागत मार्ग से होती हुई यह शोभायात्रा रामघाट पर पहुंचेगी, जहां शिप्रा जल से अभिषेक किया जाएगा। तोपों की सलामी, घुड़सवार दस्ते, भजन मंडलियां, और श्रद्धालुओं की आस्था इस दिव्य यात्रा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। हर वर्ष की तरह इस बार भी महाकाल की यह अंतिम सवारी अपने भक्तों को आशीर्वाद देने, उनके सुख-दुख जानने और आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करने निकली है।

इस बार श्रावण-भाद्रपद मास में भगवान महाँकाल की छह सवारियां निकाली जानी हैं। ऐसे में श्रावण मास की चार सवारियों के बाद दो सवारी भाद्रपद मास में 11 व 18 अगस्त को निकाली जाएंगी। वहीँ, ओंकारेश्वर में दोपहर में भगवान ओंकारेश्वर व ममलेश्वर की महासवारी निकाली जाएगी जहाँ, भगवान चांदी की पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे और अभिषेक-पूजन के बाद नौका विहार भी करेंगे।

श्रावण मास के अंतिम सोमवार को देशभर के प्रमुख शिवालयों में आस्था का ज्वार देखने को मिला। वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में भक्तों की पांच किलोमीटर लंबी लाइन लगी रही। बारिश और बाढ़ के बावजूद श्रद्धालु भगवान के दर्शन को डटे रहे।
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