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भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी पर चीन की खुशी, पुतिन के दिल्ली दौरे पर ग्लोबल टाइम्स ने की जमकर तारीफ

भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी पर चीन की खुशी, पुतिन के दिल्ली दौरे पर ग्लोबल टाइम्स ने की जमकर तारीफ

पुतिन के भारत दौरे पर चीन बेहद खुश, ग्लोबल टाइम्स ने की जमकर तारीफ — भारत और रूस का दुनिया को साफ संदेश

नई दिल्ली/बीजिंग। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिवसीय भारत दौरे पर गुरुवार को नई दिल्ली पहुंचे और उनके आगमन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रोटोकॉल तोड़कर स्वयं एयरपोर्ट पहुंचे। यह दृश्य सिर्फ कूटनीतिक औपचारिकता नहीं था, बल्कि भारत और रूस के बीच दशकों पुराने भरोसे, सम्मान और रणनीतिक सहयोग का प्रमाण था।

फरवरी 2022 में यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद यह पुतिन का पहला भारत दौरा है। इससे पहले वे दिसंबर 2021 में भारत आए थे। यह यात्रा इसलिए भी खास है क्योंकि भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी के 25 वर्ष पूरे हो रहे हैं। वर्ष 2000 में इस साझेदारी की शुरुआत हुई थी और तब से यह हर वैश्विक परिस्थितियों में मजबूती से कायम रही है।


🌏 चीन क्यों हुआ खुश? ग्लोबल टाइम्स की ‘ओवरऐक्टिव’ प्रतिक्रिया

पुतिन के भारत दौरे को लेकर चीन की प्रतिक्रिया आश्चर्यचकित करने वाली रही। चीन का सरकारी प्रचार तंत्र माना जाने वाला अखबार ग्लोबल टाइम्स इस यात्रा से बेहद खुश दिखाई दिया। अखबार ने भारत-रूस संबंधों की जमकर तारीफ करते हुए इसे वैश्विक राजनीति में एक “मजबूत स्वतंत्र धुरी” बताया।

ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि भारत और रूस ने यह साफ संदेश दे दिया है कि

  • पश्चिमी दबाव,

  • यूक्रेन युद्ध,

  • और अंतरराष्ट्रीय भू-राजनीतिक तनाव

इन सबके बावजूद दोनों देशों का रिश्ता अडिग, स्थिर और रणनीतिक रूप से अत्यंत मजबूत है।


🧭 “भारत-रूस संबंध बाहरी दबाव से अप्रभावित”: चीनी विशेषज्ञ

चीनी अखबार ने चाइना फॉरेन अफेयर्स यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ली हैडोंग के हवाले से लिखा:

“भारत-रूस का रिश्ता बहुत रणनीतिक है और किसी भी बाहरी दबाव या दखल को झेलने में सक्षम है।”

यह टिप्पणी स्पष्ट करती है कि चीन इस दौरे को केवल भारत-रूस संबंधों के रूप में नहीं देख रहा, बल्कि इसे पश्चिमी देशों—विशेषकर अमेरिका—को भेजे गए संदेश के रूप में व्याख्यायित कर रहा है।

चीन की इस खुशी के राजनीतिक मायने भी हैं। बीजिंग जानता है कि भारत और रूस के घनिष्ठ संबंध वैश्विक शक्ति संतुलन में उसके लिए भी फायदेमंद हो सकते हैं, खासकर ऐसे समय में जब अमेरिका लगातार इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रहा है।


🌐 भारत-रूस का दुनिया को साफ संदेश

पुतिन के भारत आगमन और चीनी मीडिया की प्रतिक्रियाओं से यह संदेश साफ है कि—

  • भारत और रूस स्वतंत्र विदेश नीति का पालन करते हैं

  • दोनों देश किसी भी वैश्विक ध्रुवीकरण में शामिल नहीं होते

  • दोनों देशों के बीच की रणनीतिक साझेदारी दीर्घकालीन, विश्वसनीय और पारस्परिक लाभकारी है

चीन का ग्लोबल टाइम्स भी मानता है कि भारत-रूस संबंधों में ऐसी स्थिरता है जो वर्तमान वैश्विक संकटों को भी नहीं डिगा सकती।

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