इंडिगो की उड़ानों में विफलता पर राहुल गांधी का हमला: कहा, सरकार का एकाधिकार मॉडल आम जनता पर भारी
इंडिगो की उड़ानों में विफलता पर राहुल गांधी का हमला: कहा, सरकार का एकाधिकार मॉडल आम जनता पर भारी

📌 राहुल गांधी का निशाना
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से कहा:
“इंडिगो की विफलता इस सरकार के ‘एकाधिकार मॉडल’ की कीमत है। एक बार फिर आम भारतीयों को देरी, उड़ानों के रद्द होने और असहाय महसूस करने के रूप में इसकी कीमत चुकानी पड़ रही है।”
उनका आरोप है कि भारत हर क्षेत्र में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा का हकदार है, न कि एक ऐसा माहौल जिसमें मैच फिक्सिंग वाला एकाधिकार चलता हो। कांग्रेस नेता ने इस मामले को सरकार की नीति की विफलता के रूप में पेश किया, जो कि एयरलाइन परिचालन और यात्रियों की सुविधा पर सीधे असर डाल रही है।
✈️ इंडिगो की उड़ानें प्रभावित
इंडिगो के परिचालन संकट का असर यात्रियों पर सीधा पड़ा है। गुरुवार को एयरलाइन ने 550 से ज्यादा उड़ानें रद्द कीं, जबकि शुक्रवार को 400 उड़ानें रद्द की गईं। इससे सैकड़ों यात्रियों की यात्रा योजनाएं प्रभावित हुईं।
कंपनी ने DGCA (सिविल एविएशन गवर्निंग बॉडी) को बताया कि उनकी उड़ानें 10 फरवरी 2026 तक पूरी तरह सामान्य हो जाएंगी। इंडिगो ने उड़ान ड्यूटी नियमों (Flight Duty Time Limitation – FDPL) में अस्थायी ढील की भी मांग की, क्योंकि नई नियमावली के दूसरे चरण के कार्यान्वयन में गलत योजना और आंकलन के कारण उड़ानों में व्यवधान उत्पन्न हुआ।
⚠️ FDPL नियम और परिचालन समस्या
इंडिगो ने यह स्वीकार किया है कि हाल के दिनों में उड़ानों में हुई परेशानियां मुख्य रूप से FDPL नियमों के दूसरे चरण के लागू होने की वजह से हैं। एयरलाइन ने नियामक को यह भी बताया कि 8 दिसंबर तक और उड़ानें रद्द की जाएंगी और उस दिन से उनकी सेवाओं में कमी बनी रहेगी।
फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन नियम का उद्देश्य पायलटों और क्रू के कामकाज को सुरक्षित रखना है। हालांकि, इसके कारण परिचालन में हुई व्यवधान यात्रियों और एयरलाइन दोनों के लिए चुनौती बन गई।
🗣️ राजनीतिक बहस
राहुल गांधी ने इस मुद्दे को सरकारी नीति की विफलता के रूप में पेश किया है। उनका दावा है कि सरकार का एकाधिकार मॉडल न केवल उड़ानों में व्यवधान ला रहा है, बल्कि आम लोगों के लिए यात्रा और सुविधा को मुश्किल बना रहा है।
कांग्रेस ने एयरलाइन संकट को नागरिकों के अधिकार और प्रतिस्पर्धा का मुद्दा बनाते हुए कहा कि सरकार को नीतिगत सुधार करने होंगे।





