इंदौर में रणजीत हनुमान प्रभातफेरी: रामायण झांकियों संग निकला रथ, ठंड में उमड़ा दो लाख भक्तों का सैलाब
इंदौर में रणजीत हनुमान प्रभातफेरी: रामायण झांकियों संग निकला रथ, ठंड में उमड़ा दो लाख भक्तों का सैलाब
इंदौर में हर वर्ष भव्य रूप से आयोजित होने वाली रणजीत हनुमान की प्रभातफेरी इस बार भी श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत संगम लेकर आई। शुक्रवार सुबह चार बजे जब मंदिर से भगवान रणजीत हनुमान का पारंपरिक रथ निकला, तब पूरा पश्चिमी क्षेत्र भगवा रंग में रंगा नजर आया। कड़ाके की ठंड के बावजूद दो लाख से अधिक भक्तों ने प्रभातफेरी में शामिल होकर अपनी आस्था का अद्भुत प्रदर्शन किया। भक्तों की भीड़, भजन मंडलियां, झांकियां और रथ यात्रा का दृश्य ऐसा था मानो पूरा इंदौर भक्ति रस में डूब गया हो।
रात से ही रणजीत हनुमान मार्ग पर तैयारियों का दौर शुरू हो चुका था। हर ओर रोशनी, भगवा झंडियों की सजावट और भजन मंडलियों की धुनें माहौल को आध्यात्मिक बना रही थीं। सुबह चार बजे जैसे ही बाबा रणजीत हनुमान अपने रथ पर विराजमान हुए, आतिशबाजी और जय-कारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। इस बार प्रभातफेरी में 32वें क्रम पर बाबा का रथ रखा गया था, जिसके आगे नासिक ढोल, नृत्य दल और भजन मंडलियों ने वातावरण को मंत्रमुग्ध कर दिया।

प्रभातफेरी का मुख्य आकर्षण रामायण पर आधारित दो विशेष झांकियां रहीं। पहली झांकी में भगवान राम के वनवास का दृश्य दिखाया गया था, वहीं दूसरी झांकी में श्री हनुमान द्वारा संजीवनी लाने का प्रसंग प्रदर्शित किया गया। भक्तों ने इन झांकियों की सराहना करते हुए फोटो और वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर भी साझा किए। इसके अलावा 20 से अधिक भजन मंडलियां लगातार भजन गाते हुए प्रभातफेरी को जीवंत बनाए रखे हुए थीं।
भक्त, जिनमें महिलाएं, पुरुष, बच्चे और बुजुर्ग सभी शामिल थे, नंगे पैर चलकर अपनी श्रद्धा व्यक्त कर रहे थे। कई भक्त मार्ग में झाड़ू लगाकर सेवा कार्य में भी लगे हुए थे। पूरी प्रभातफेरी लगभग चार किलोमीटर के मार्ग से होकर गुजरी, जिसमें अन्नपूर्णा, दशहरा मैदान, नरेंद्र तिवारी मार्ग और महूनाका प्रमुख स्थान रहे।
प्रभातफेरी के दौरान शहर में व्यापक स्तर पर यातायात परिवर्तन किए गए। शुक्रवार सुबह तीन बजे से फूटी कोठी, उषा नगर और अन्नपूर्णा मार्ग पर वाहनों का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया था। इसके साथ ही फूटी कोठी चौराहा से रणजीत हनुमान रोड होकर महूनाका चौराहा तक आवागमन अस्थायी रूप से बंद किया गया।

सुरक्षा व्यवस्था भी इस बार बेहद पुख्ता रही। पांच सौ से अधिक पुलिस जवान मार्ग पर तैनात किए गए। ऊंची इमारतों पर भी पुलिस कर्मियों को पोस्ट किया गया, ताकि भीड़ में किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखी जा सके। ड्रोन कैमरों की मदद से आसमान से लगातार मॉनिटरिंग की जाती रही। रथ के आसपास पुलिस का विशेष सुरक्षा घेरा बनाया गया था और गलियों में बैरिकेड लगाकर भीड़ को नियंत्रित किया गया।
कड़ाके की ठंड, भारी भीड़ और लंबा मार्ग होने के बावजूद भक्तों का उत्साह कम नहीं हुआ। हर तरफ “जय हनुमान” के नारों से वातावरण गूंजता रहा। इस भव्य प्रभातफेरी ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया कि इंदौर में रणजीत हनुमान के प्रति भक्तों की श्रद्धा अटूट और अविरल है।




