नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री बनीं सुशीला कार्की
Gen-Z के प्रदर्शन में 51 मौत 1,300 से ज्यादा घायल

Sushila Karki: गृह युद्ध की आग से झुलस रहे नेपाल का वहा के नागरिको ने तख्तापलट कर दिया जिसके चलते प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को अपना इस्तीफा देकर देश छोड़ कर भागना पड़ा। दंगे, विरोध और सेना के कमान सँभालने के बिच नेपाल में आज नेपाल की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की ने अंतरिम प्रधानमंत्री पद की शपथ ली।

इससे पहले नेपाल की संसद भंग कर दी गई थी। जेन-जी के भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शनों के बाद के.पी. शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा था। नेपाल में वर्षों में सबसे भीषण उथल-पुथल सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के कारण शुरू हुई थी और ओली के इस्तीफे के बाद ही हिंसा थमी। हिंसक प्रदर्शन में इस हफ्ते 51 लोग मारे गए और 1,300 से ज्यादा घायल हुए। पड़ोसी देश में नई सरकार का गठन होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली प्रतिक्रिया आई है. पीएम मोदी ने सुशीला कार्की को बधाई देते हुए कहा कि नेपाल की प्रगति और समृद्धि के लिए भारत पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
Gen-Z प्रदर्शनकारियों की पांच शर्तें मानीं
1. Gen Z आंदोलनकारियों की मांग थी कि 6 से 12 महीने के भीतर देश में आम चुनाव कराए जाएं। ताकि लोकतंत्र स्थापित हो और जनता अपनी इच्छा से नयी सरकार को चुन सके, सुशीला कार्की ने आंदोलनकारियों की इस मांग को मान लिया है।
2. आंदोलनकारियों की मांग थी कि नेपाल की संसद को भंग कर दिया जाए, इस मांग को स्वीकार कर लिया गया और सुशीला कार्की के हाथों में कमान सौंपी जा चुकी है।
3. आंदोलनकारियों की प्रमुख मांगों में से एक नागरिक-सैन्य सरकार का गठन था। इस प्रस्ताव के तहत आंदोलनकारी चाहते हैं कि, नेपाल में ऐसा शासन बने जो नागरिक और सेना दोनों के रिप्रेजेंटेशन वाला हो।
4. आंदोलनकारी का कहना था कि, बस सोशल मीडिया बैन के ख़िलाफ़ जनता सड़कों पर नहीं उतरी है। जनता की सड़क पर उतरने की प्रमुख वजह – भ्रष्टाचार है, आंदोलनकारियों की ओर से प्रस्ताव रखा गया कि पुराने दल और नेताओं की संपत्ति की जांच के लिए शक्तिशाली न्यायिक आयोग गठन हो।
5. आंदोलनकारियों की बड़ी मांग ये भी रही कि, आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ हुई हिंसा की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच हो। इससे प्रभावित लोगों को न्याय मिले, इस मांग को मान लिया गया है और निष्पक्ष जांच की बात कही गई है।
राष्ट्रपति रामचन्द्र पौडेल का संदेश
शपथ दिलाने के बाद राष्ट्रपति रामचन्द्र पौडेल ने उनसे कहा, ‘देश बचाइए, सफल रहिए।’ जिसके जवाब में सुशीला ने ‘धन्यवाद’ कहकर जवाब दिया। सुशीला कार्की के शपथ ग्रहण समारोह को संसद के दोनों सदनों के प्रमुख ने बहिष्कार किया। प्रतिनिधि सभा के स्पीकर देवराज घिमिरे शपथ ग्रहण में शामिल नहीं हुए, वह ओली के पार्टी से आते हैं। राष्ट्रीय सभा के अध्यक्ष नारायण दहाल भी अनुपस्थित रहे, नारायण प्रचण्ड की पार्टी से जुड़े हुए हैं।