
Tariff News: डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाले अमेरिका ने भारत पर आयात शुल्क यानी टैरिफ को 50 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है। ये फैसला ऐसे वक्त पर आया है जब भारत रूस से सस्ता तेल खरीदकर अपनी अर्थव्यवस्था को संभाल रहा है। सरकार कह रही है कि ये फैसला राजनीतिक दबाव और व्यापारिक धमकी जैसा है। अब सवाल ये है कि इस टैरिफ से भारत को कितना आर्थिक झटका लग सकता है? कौन-कौन से सेक्टर सबसे ज़्यादा प्रभावित होंगे? और क्या इससे भारत की वैश्विक साख पर असर पड़ेगा?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लागू करने का ऐलान किया, जिससे कुल आयात शुल्क अब 50% हो गया है। यह टैरिफ रूस से सस्ता तेल खरीदने पर अमेरिका की नाराज़गी के कारण लगाया गया है। ये शुल्क अगले 21 दिनों में लागू हो जाएगा।

भारत को आर्थिक ब्लैकमेल
भारत ने इस फैसले को अनुचित और गलत बताया है। सरकार ने कहा कि वो अपने राष्ट्रीय हितों से कोई समझौता नहीं करेगी। RBI गवर्नर ने भी ट्रंप के बयान को अर्थहीन बताते हुए भारत की आर्थिक मजबूती पर भरोसा जताया। वहीं विपक्ष ने इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सवाल उठाए हैं। राहुल गांधी ने इसे “आर्थिक ब्लैकमेल” बताते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि भारत को ऐसे समझौते से बचना चाहिए जो हमारी गरिमा को ठेस पहुंचाएं।

इधर ब्राजील के राष्ट्रपति ने कहा है कि ट्रंप से बात करना अपमानजनक होगा, हम भारत और चीन से सीधे बात करेंगे। ट्रंप की पुतिन से मुलाकात की खबरें भी सामने आ रही हैं। ये संकेत है कि वैश्विक स्तर पर जुटाव और ध्रुवीकरण का नया दौर शुरू हो रहा है। तो ट्रंप का 50% टैरिफ भारत के लिए सिर्फ एक व्यापारिक चोट नहीं, बल्कि कूटनीतिक चुनौती भी बन गया है। क्या भारत इससे मजबूती से निपटेगा या आने वाले हफ्तों में हमें और भी झटके देखने को मिलेंगे? फिलहाल नजरें सरकार के अगले कदम पर टिकी हुई हैं।