विनेश फोगाट ने लिया संन्यास वापस: 2028 लॉस एंजिल्स ओलंपिक में स्वर्ण जीतने का संकल्प
विनेश फोगाट ने लिया संन्यास वापस: 2028 लॉस एंजिल्स ओलंपिक में स्वर्ण जीतने का संकल्प

भारतीय महिला कुश्ती की शान विनेश फोगाट ने अपने संन्यास के निर्णय को वापस लेते हुए करोड़ों भारतीयों को फिर से उम्मीद की नई किरण दिखाई है। हरियाणा के जींद जिले के जुलाना क्षेत्र से कांग्रेस विधायक के रूप में राजनीति में सक्रिय रहने वाली विनेश ने शुक्रवार को एक भावुक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि वे अब दोबारा अपने जीवन के सबसे बड़े सपने—ओलंपिक स्वर्ण पदक—को हासिल करने के लिए मैट पर लौटेंगी।
पेरिस ओलंपिक 2024 का दर्द, जिसने लिया था संन्यास का रूप
पेरिस ओलंपिक 2024 विनेश फोगाट के लिए भावनात्मक और मानसिक रूप से सबसे कठिन अनुभव रहा। 50 किलोग्राम भार वर्ग में फाइनल तक पहुंचने वाली वे पहली भारतीय महिला पहलवान बनी थीं। पूरा देश उनकी जीत का जश्न मनाने को तैयार था। लेकिन फाइनल बाउट से ठीक पहले उनका वजन 100 ग्राम अधिक पाया गया और इसी आधार पर उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया।
यह घटना सिर्फ विनेश के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए सदमे जैसी थी। विनेश ने जैसे ही ऑल इंडिया स्पोर्ट्स अथॉरिटी और कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (CAS) में अपील की, लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गई। इसके बाद 8 अगस्त 2024 को उन्होंने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट लिखकर संन्यास की घोषणा कर दी।
“देशवासियों का प्यार मेरी ताकत है” — विनेश फोगाट
अब 2025 में विनेश फोगाट ने पूरे आत्मविश्वास के साथ घोषणा की कि वे अपने संन्यास के फैसले को वापस ले रही हैं। उन्होंने कहा—
“पेरिस का घाव गहरा था, लेकिन देशवासियों का प्यार और समर्थन मेरी ताकत बना। कुश्ती से मैंने हार नहीं मानी, बल्कि इसने मुझे और मजबूत बनाया है। मैं 2028 ओलंपिक के लिए पूरी ताकत से तैयारी करूंगी।”
उनका यह बयान उनके जज़्बे, संकल्प और देश के प्रति समर्पण को दर्शाता है।
2028 लॉस एंजिल्स ओलंपिक: नया लक्ष्य, नई शुरुआत
विनेश अब 2028 लॉस एंजिल्स ओलंपिक को अपना मुख्य लक्ष्य बनाकर मैदान में फिर उतरेंगी। खेल विशेषज्ञों का मानना है कि अनुभव, तकनीक और मानसिक मजबूती के साथ विनेश एक बार फिर भारतीय कुश्ती को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित कर सकती हैं।
उनकी वापसी से युवा पहलवानों को भी नई प्रेरणा मिलेगी। खास तौर पर उन महिला पहलवानों को, जो विनेश को एक आइकन के रूप में देखती हैं।
राजनीति और खेल, दोनों में सक्रिय
जुलाना से कांग्रेस विधायक के रूप में सक्रिय राजनीति का सफर जारी रखते हुए भी विनेश ने स्पष्ट किया कि वे खेल और जनता दोनों के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी निभाते हुए संतुलन बनाए रखेंगी। उनका कहना है कि राज्य और देश के युवा खिलाड़ियों के लिए वे और भी अधिक कार्य करना चाहती हैं।
भारत के लिए नई उम्मीद का उदय
विनेश फोगाट की संन्यास वापसी भारतीय खेल इतिहास का एक महत्वपूर्ण मोड़ है। पेरिस की निराशा ने उन्हें तोड़ा नहीं, बल्कि और अधिक मजबूत बनाया है। अब पूरा देश उम्मीद कर रहा है कि 2028 में वे स्वर्ण पदक के साथ भारत का सिर फिर ऊंचा करेंगी।

