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पश्चिम बंगाल में बाबरी मस्जिद शिलान्यास: TMC का ऐलान, BJP ने साधा तीखा निशाना, सियासी विवाद

पश्चिम बंगाल में बाबरी मस्जिद शिलान्यास: TMC का ऐलान, BJP ने साधा तीखा निशाना, सियासी विवाद

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में बाबरी मस्जिद के शिलान्यास को लेकर नया राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। मंगलवार देर रात बेलडांगा इलाके में बाबरी मस्जिद के शिलान्यास के पोस्टर लगाए गए, जिनमें साफ लिखा था कि यह आयोजन 6 दिसंबर 2025 को होगा। पोस्टर में यह भी उल्लेख था कि तृणमूल कांग्रेस (TMC) के विधायक हुमायूं कबीर इस आयोजन के मुख्य जिम्मेदार हैं।

इस संबंध में हुमायूं कबीर ने मंगलवार को कहा, “हम 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद की नींव रखेंगे। मस्जिद का निर्माण तीन साल के अंदर पूरा होगा। यह आयोजन धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व का है।” उनके इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारे में बहस शुरू हो गई है।

सियासी पृष्ठभूमि को देखते हुए यह आयोजन संवेदनशील माना जा रहा है। 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में विवादित ढांचा ध्वस्त कर दिया गया था। इसी दिन बाबरी विध्वंस की यादें भी ताजा हो जाती हैं। अगले महीने यह घटना 33 साल पूरे कर लेगी। ऐसे में पश्चिम बंगाल में बाबरी मस्जिद का शिलान्यास ऐलान सियासी और धार्मिक रूप से विवादास्पद माना जा रहा है।

भाजपा ने इस कदम की कड़ी आलोचना की है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने आरोप लगाया कि TMC पश्चिम बंगाल में मस्जिद का शिलान्यास नहीं कर रही, बल्कि “बांग्लादेश की नींव” रख रही है। उनका कहना था कि यह केवल राजनीतिक उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है और इसके पीछे किसी धार्मिक मकसद की बजाय सियासत है।

इस मामले में कांग्रेस ने TMC का समर्थन किया है। पार्टी ने कहा कि राज्य में किसी भी धार्मिक समुदाय के अधिकारों को सम्मान देने का मामला है और इसे राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए। हालांकि, BJP का कहना है कि यह कदम समुदायों में तनाव बढ़ाने वाला है और इसे लेकर केंद्रीय एजेंसियों की निगरानी की जरूरत है।

इस शिलान्यास के ऐलान का समय भी खास है। मंगलवार को अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण किया। पीएम मोदी के ध्वजारोहण समारोह के दिन ही पश्चिम बंगाल में बाबरी मस्जिद के शिलान्यास की खबर सामने आई, जो राजनीतिक और सांस्कृतिक दृष्टि से ध्यान खींचने वाला है।

विश्लेषकों का कहना है कि पश्चिम बंगाल में यह मामला आगामी चुनावों में सियासी बहस का अहम मुद्दा बन सकता है। TMC ने इसे धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन बताया है, जबकि BJP इसे राजनीतिक रोटियाबाजी और विवाद खड़ा करने वाला कदम मान रही है। ऐसे में 6 दिसंबर को यह विवाद और बढ़ने की पूरी संभावना है।

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