हिन्दू धर्म में मकर संक्रांति को प्रमुख पर्व के रूप में माना जाता है। पौष मास में जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है, तब ये पर्व मनाया जाता है। इस साल मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी। मकर संक्रांति से ही ऋतु परिवर्तन भी होने लगता है और इस दिन स्नानदान-पुण्य जैसे कार्यों का विशेष महत्व माना जाता है।
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ऐसी मान्यता है कि, इसी त्यौहार पर सूर्य देव अपने पुत्र शनि से मिलने के लिए आते हैं। सूर्य और शनि का सम्बन्ध इस पर्व से होने के कारण यह काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। आम तौर पर शुक्र का उदय भी लगभग इसी समय होता है इसलिए यहां से शुभ कार्यों की शुरुआत होती है। मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी बनाने और खाने का खास महत्व होता है और इसी कारण इस पर्व को कई जगहों पर खिचड़ी का पर्व भी कहा जाता है।
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शुभ मुहूर्त –
उदयातिथि के अनुसार, इस बार मकर संक्रांति 15 जनवरी 2024 को मनाई जाएगी। इस दिन सूर्य रात 2 बजकर 54 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे.
पुण्यकाल – सुबह 07 बजकर 15 मिनट से शाम 06 बजकर 21 मिनट तक
महा पुण्यकाल -सुबह 07 बजकर 15 मिनट से सुबह 09 बजकर 06 मिनट तक
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शुभ संयोग –
15 जनवरी 2024 को मकर संक्रांति पर 77 सालों के बाद वरीयान योग और रवि योग का संयोग बन रहा है। इस दिन बुध और मंगल भी एक ही राशि धनु में विराजमान रहेंगे।
वरीयान योग – 15 जनवरी को यह योग प्रात: 2 बजकर 40 मिनट से लेकर रात 11 बजकर 11 मिनट तक रहेगा
रवि योग – 15 जनवरी को सुबह 07 बजकर 15 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 07 मिनट तक रहेगा
सोमवार – पांच साल बाद मकर संक्रांति सोमवार के दिन पड़ रही है. ऐसे में सूर्य संग शिव का आशीर्वाद भी प्राप्त होगा.
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पूजन विधि –
प्रातःकाल जल्दी उठ कर स्नान कर लोटे में लाल फूल और अक्षत डाल कर सूर्य को अर्घ्य दें और सूर्य के बीज मंत्र का जाप करें। श्रीमदभागवद के एक अध्याय का पाठ करें या गीता का पाठ करें और नए अन्न, कम्बल, तिल और घी का दान करें। भोजन में नए अन्न की खिचड़ी बनाएं और भोजन भगवान को समर्पित करके प्रसाद रूप से ग्रहण करें। इस दिन किसी गरीब व्यक्ति को बर्तन समेत तिल का दान करने से शनि से जुड़ी हर पीड़ा से मुक्ति मिलती है।
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खास उपाय –
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मकर संक्रांति के दिन स्नान करने के पानी में काले तिल डालें। ऐसी मान्यता है कि – “तिल के पानी से स्नान करना बेहद ही शुभ माना जाता है, साथ ही ऐसा करने वाले व्यक्ति को रोग से मुक्ति मिलती है।”
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मकर संक्रांति के दिन स्नान के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें और सूर्य देव को चढ़ाए जाने वाले जल में तिल अवश्य डालें। ऐसा करने से इंसान की बंद किस्मत के दरवाज़े खुलते हैं।
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इस दिन कंबल, गर्म कपड़े, घी, दाल चावल की खिचड़ी और तिल का दान करने से गलती से भी हुए पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख समृद्धि आती है।
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इस दिन पितरों की शांति के लिए जल देते समय उसमें तिल अवश्य डालें, ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
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अगर आपको आर्थिक रूप से कोई समस्या आ रही है तो इस दिन घर में सूर्य यंत्र की स्थापना करें और सूर्य मंत्र का 501 बार जाप करें।
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कुंडली में मौजूद किसी भी तरह का सूर्य दोष को कम करने के लिए तांबे का सिक्का या तांबे का चौकोर टुकड़ा बहते जल में प्रवाहित करें।
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इन चीजों का करें दान –
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तिल – मकर संक्रांति पर तिल का दान करना शुभ माना जाता है, तिल का दान करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं।
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खिचड़ी – मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी खाना जितना शुभ है उतना ही शुभ इसका दान करना भी माना जाता है।
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गुड़ – इस दिन गुड़ का दान करना भी शुभ होता है, गुड़ का दान करने से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है।
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तेल – इस दिन तेल दान करना शुभ होता है, ऐसा करने से शनि देव का आर्शीवाद मिलता है।
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अनाज – मकर संक्रांति के दिन पांच तरह के अनाज दान करने से हर तरह की मनोकामना पूरी होती है।
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रेवड़ी – मकर संक्रांति के दिन रेवड़ी का भी दान करना भी शुभ माना जाता है।
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कंबल – इस दिन कंबल का दान करना शुभ होता है, इससे राहु और शनि शांत होते हैं।