Indore BRTS: इंदौर में ट्रैफिक समस्याओं और जनता की लगातार मांग के चलते मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लेते हुए बीआरटीएस (बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) को हटाने का निर्णय लिया है। यह परियोजना जो कभी शहर के यातायात को सुगम बनाने के लिए लाई गई थी, अब विवादों और समस्याओं का कारण बन चुकी है।
इंदौर में लगभग 300 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किए गए 11 किलोमीटर लंबे बीआरटीएस को लेकर बीते कई वर्षों से असंतोष बढ़ता गया। इस प्रोजेक्ट के तहत 12 स्टेशनों के साथ 30 से अधिक बसें चलाई जाती थीं। हालांकि, यह लेन केवल बसों के लिए सीमित थी, जिससे बाकी यातायात में बाधा उत्पन्न होने लगी। ट्रैफिक जाम, सड़कों की चौड़ाई कम होने और उपयोग की कमी के कारण यह परियोजना सफल नहीं हो पाई।
इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि भोपाल में बीआरटीएस हटाने के बाद यातायात में सुधार हुआ है। इंदौर में भी यही किया जा रहा है। हमारी सरकार जनता की समस्याओं के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है। बीआरटीएस को हटाने से यातायात सुगम होगा और जंक्शन ब्रिज बनाने में भी मदद मिलेगी।“ भोपाल, पुणे और दिल्ली जैसे शहरों में पहले ही बीआरटीएस को हटाने के बाद यातायात में सुधार देखा गया है। इंदौर में एलआईजी से व्हाइट चर्च रोड तक का छह किलोमीटर का हिस्सा यातायात की सबसे बड़ी समस्या बन गया था। व्यापारी वर्ग, वाहन चालकों और स्थानीय लोगों ने लंबे समय से बीआरटीएस के खिलाफ शिकायतें दर्ज करवाई थीं। मुख्यमंत्री यादव के इस कदम से शहर में जाम से निजात मिलने की उम्मीद है।
जब बीआरटीएस परियोजना शुरू हुई थी, तब यह शहर में सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लाई गई थी। हालांकि, समय के साथ यह परियोजना उलटे शहर की यातायात समस्याओं का कारण बन गई। सड़कों की संकीर्णता, अन्य वाहनों के लिए प्रतिबंध और ट्रैफिक जाम जैसी समस्याओं ने इसे विवादों में ला दिया। अब इसे हटाने के बाद शहर में सड़कों का चौड़ीकरण, जंक्शन सुधार और यातायात सुगमता जैसे सुधारों की संभावनाएं खुल जाएंगी।
बीआरटीएस परियोजना, जिसे इंदौर में बेहतर सार्वजनिक परिवहन और सुगम यातायात के लिए लागू किया गया था, अब अपनी उपयोगिता खो चुकी थी। स्थानीय प्रशासन और सरकार ने इसे हटाने का फैसला करते हुए स्पष्ट किया है कि यह कदम जनता की समस्याओं के समाधान के लिए उठाया गया है। भोपाल में बीआरटीएस हटाने के बाद यातायात में आए सुधार को देखते हुए, इंदौर में भी इसी तर्ज पर काम किया जाएगा।
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