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पुरी में उमड़ा आस्था का महासागर

रथ पर विराजमान हुए महाप्रभु, न्यूयॉर्क से लेकर लंदन तक गूंजा 'जय जगन्नाथ

Rath Yatra 2025: 

उड़ीसा के पुरी में आज भगवान जगन्नाथ जी की रथ यात्रा 2025 का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर महाप्रभु खुद रत्नवेदी से उतरकर अपने भव्य रथ पर सवार होकर भक्तों से मिलने सड़क पर उतरे। ‘पहांडी’ नामक यह दिव्य प्रक्रिया, जिसमें भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को विशाल भक्त समुदाय के सामने रथ पर आरूढ़ कराया जाता है, श्रद्धा और आस्था का अनुपम संगम है।

Rath Yatra 2025
Rath Yatra 2025

जैसे ही महाप्रभु रथ पर विराजमान होकर गुंडिचा मंदिर की ओर रवाना हुए। भक्तों की आंखें आंसुओं से भर आईं और पूरे वातावरण में ‘जय जगन्नाथ’ के जयघोष गूंजने लगे। इसे सिर्फ यात्रा कहना गलत होगा, यह तो वह दुर्लभ क्षण है जब ईश्वर अपने सिंहासन से उतरकर आम भक्त की दुनिया में प्रवेश करते हैं।

Rath Yatra 2025
Rath Yatra 2025

पहांडी दर्शन के अद्भुत दृश्य

पुरी की सड़कों पर आस्था का ऐसा समंदर उमड़ता है, जिसमें जाति, वर्ग, उम्र, देश—सब बह जाते हैं। नंदीघोष, तालध्वज और दर्पदलन—ये तीनों रथ हर साल खास लकड़ी से नए बनाए जाते हैं, जिनकी शिल्पकला आज भी परंपरागत तरीकों से निभाई जाती है। सबसे भावुक पल तब आता है जब भक्तों को रथ खींचने का मौका मिलता है—क्योंकि मान्यता है कि, एक बार रस्सी पकड़ने मात्र से ही जीवन के सारे पाप मिट जाते हैं। भगवान का यह यात्रा पड़ाव होता है गुंडिचा मंदिर, जिसे उनका ननिहाल माना जाता है, जहां वो 7 दिनों तक रुकते हैं।

Rath Yatra 2025
Rath Yatra 2025

ISKCON ने इस यात्रा को दुनिया के कोने तक पहुंचाया

यह भव्य उत्सव केवल ओडिशा का नहीं, बल्कि अब एक वैश्विक आयोजन बन चुका है—न्यूयॉर्क, लंदन, म्यूनिख तक रथ खींचे जा रहे हैं और भारत की भक्ति का परचम लहरा रहा है। ISKCON जैसे संगठनों ने इस यात्रा को दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचाया है। आज इस आयोजन में सिर्फ परंपरा नहीं, टेक्नोलॉजी भी साथ है—23 हजार पुलिसकर्मी, AI निगरानी, ड्रोन कैमरे और लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए यह सबसे हाईटेक रथ यात्रा बन गई है। खास बात ये है कि भगवान जगन्नाथ का स्वरूप भी एक रहस्य है—ना स्पष्ट हाथ, ना पैर, लेकिन बड़ी आंखों से भक्तों को निहारते हुए ऐसा लगता है जैसे कह रहे हों,

Jai Jagannath

“मैं तुम्हारे जैसा हूं, तुम्हारे साथ हूं।”

यही कारण है कि आज पुरी की गलियों में आस्था का ट्रैफिक जाम लगा है, लेकिन कोई परेशान नहीं है, क्योंकि यहां हर चेहरा मुस्कुरा रहा है और हर आंखें नम हैं। हजारों श्रद्धालु इस अद्भुत क्षण के साक्षी बने, वहीं सोशल मीडिया पर भी इस पवित्र दर्शन की छवियां और भावनाएं वायरल हो रही हैं। महाप्रभु का यह स्वरूप भक्तों के हृदय में भक्ति-रस का संचार कर गया।

इंदौर में श्रीलक्ष्मी-वेंकटेश मंदिर पर पुष्प बंगले के दिव्य दर्शन

इंदौर के पावन सिद्धधाम श्रीलक्ष्मी वेंकटेश देवस्थान में चल रहे ब्रह्मोत्सव के छठे दिन पुष्प बंगला उत्सव श्रद्धा और संस्कृति का अद्वितीय संगम बनकर उभरा। मोगरा, जूही, गुलाब, कुंद और जरबेरा जैसे फूलों से 200×200 वर्ग फीट में सजे बंगले में भक्तों ने पुष्पों की झांकियों से होते हुए प्रभु वेंकटेश के दिव्य दर्शन किए।

दक्षिण भारत और इंदौर के 50 सदस्यों की टीम ने 3 रातों में इस बेमिसाल पुष्प बंगले का निर्माण किया, जिसमें विज्ञान और परंपरा का अद्भुत समन्वय देखने को मिला। LED स्क्रीन, धार्मिक संगीत और भजनों की गूंज से मंदिर परिसर भक्ति भाव में डूबा रहा।

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