
Diwali 2025: आज और कल यानी 14 और 15 अक्टूबर का दिन बेहद खास है। पुष्य नक्षत्र का संयोग बना है, जिसे साल का सबसे शुभ नक्षत्र कहा जाता है। इस दौरान सोना-चांदी, बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक सामान और संपत्ति की खरीदारी को बेहद मंगलकारी माना गया है। बाजारों में रौनक देखते ही बन रही है।

मंगलवार यानि आज 14 अक्टूबर सुबह 11 बजकर 54 मिनट से पुष्य नक्षत्र की शुरुआत हो चुकी है, जो बुधवार दोपहर 12 बजे तक रहेगा। यह नक्षत्र धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इस दौरान सोना, चांदी, बर्तन, वाहन, इलेक्ट्रॉनिक सामान या भूमि खरीदना बेहद शुभ होता है। अगर सोना खरीदना संभव न हो, तो खड़ी हल्दी की गांठ या बहीखाता खरीदना भी मंगलकारी होता है।

पुष्य नक्षत्र के दिन कुलदेवी-कुलदेवता की पूजा कर घर में घी का दीपक जलाने से कर्ज मुक्ति और नए धन का आगमन होता है। विद्यार्थियों को इस दिन पुस्तकें खरीदनी चाहिए ताकि मां सरस्वती की कृपा बनी रहे। बाजारों में ग्राहकों की भीड़ और दुकानदारों की तैयारी ने इस शुभ योग को और खास बना दिया है।

इस बार 6 दिन का होगा दीपोत्सव
इस साल दीपोत्सव का उत्सव खास होगा। 18 अक्टूबर से शुरू होने वाले इस दीपोत्सव में अमावस्या की तिथि दो दिन रहने के कारण उत्सव कुल 6 दिन तक चलेगा। लक्ष्मी पूजा के तीसरे दिन भाईदूज का पर्व भी मनाया जाएगा। लगातार चौथे साल यह विशेष आयोजन होगा। इस साल दीपोत्सव का उत्सव विशेष रूप से मनाया जाएगा।

18 अक्टूबर से यह पर्व शुरू होगा और 6 दिन तक यानि 23 अक्टूबर चलेगा। अमावस्या इस बार 20 अक्टूबर दोपहर से शुरू होकर 21 अक्टूबर की शाम तक रहेगी, जिससे दीपोत्सव की तिथि बढ़ गई है। लक्ष्मी पूजा के तीसरे दिन भाईदूज का पर्व मनाया जाएगा, जिसमें भाई-बहन के रिश्ते और प्यार की परंपरा का सम्मान किया जाएगा। लगातार चौथे साल 6 दिन का दीपोत्सव होने से पूरे शहर और गांवों में विशेष तैयारियां की गई हैं।