Breaking News: देखिये आज की टॉप 5 खबरे, जानिए देश-विदेश के सबसे चर्चित मुद्दे।
सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के खिलाफ बिजली चोरी की FIR
संभल में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के खिलाफ बिजली चोरी की FIR दर्ज की गई है। बिजली विभाग की टीम गुरुवार सुबह फोर्स के साथ दीपासराय मोहल्ले में स्थित सांसद के घर पहुंची। वहां करीब एक घंटे तक जांच की गई, इसके बाद बिजली विभाग के SDO संतोष त्रिपाठी ने सांसद के खिलाफ एंटी पावर थेफ्ट पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज करवाई। इस मामले में सांसद बर्क का पक्ष अभी तक सामने नहीं आया है, लेकिन यह घटना जिले में राजनीतिक चर्चाओं का कारण बन गई है।
अमित शाह के बयान पर बिहार में सियासी हलचल
अमित शाह के बाबा साहेब अंबेडकर पर दिए बयान ने बिहार में राजनीति को गरमा दिया है। आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने इसे लेकर अमित शाह पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि “अमित शाह पागल हो गए हैं और बाबा साहेब से घृणा करते हैं।” इसके साथ ही लालू यादव ने उन्हें राजनीति त्याग कर इस्तीफा देने की सलाह दी। वहीं, दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने नीतीश कुमार को पत्र लिखकर बीजेपी से समर्थन वापस लेने की बात कही है।
केंद्रीय गृह मंत्री की जम्मू-कश्मीर सुरक्षा बैठक
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह गुरुवार को जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था पर एक अहम बैठक करने जा रहे हैं। यह बैठक जम्मू-कश्मीर में सितंबर और अक्टूबर में हुए विधानसभा चुनावों के बाद पहली बार हो रही है। बैठक में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, सेना, अर्धसैनिक बलों, जम्मू-कश्मीर प्रशासन और खुफिया एजेंसियों के अधिकारी शामिल होंगे। इस बैठक में जम्मू-कश्मीर की मौजूदा स्थिति पर चर्चा होगी, ताकि राज्य में सुरक्षा और शांति की स्थिति बेहतर हो सके।
अडाणी ग्रुप के खिलाफ बांग्लादेश में नए आरोप
अडाणी ग्रुप की मुश्किलें अमेरिका में रिश्वत देने के आरोपों के बाद अब बांग्लादेश में और बढ़ गई हैं। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने अडाणी पावर पर अरबों डॉलर के बिजली समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, अडाणी पावर ने भारत सरकार से टैक्स बेनिफिट लिया है, लेकिन उसे बांग्लादेश को ट्रांसफर नहीं किया। यह विवाद अब कंपनी के लिए मुश्किलें पैदा कर सकता है, क्योंकि बांग्लादेश सरकार ने इस पर कानूनी कार्रवाई की धमकी दी है।
रूस में आतंकवाद से जुड़े संगठनों की लिस्ट में बदलाव की संभावना
रूस के निचले सदन, स्टेट ड्यूमा, ने एक नया कानून पारित किया है, जिससे अदालतों को यह अधिकार मिल जाएगा कि वे किसी भी संगठन को आतंकवादी समूहों की लिस्ट से हटा सकते हैं। यह कानून अफगान तालिबान और सीरिया के विद्रोही गुट हयात तहरीर अल-शाम (HTS) के साथ रूस के डिप्लोमेटिक संबंधों को सुधारने में सहायक हो सकता है। यदि कोई संगठन आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियाँ बंद कर देता है, तो उसे इस लिस्ट से बाहर निकाला जा सकता है, जिससे रूस की विदेश नीति में बदलाव संभव है।
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