देवास शराब ठेकेदार आत्महत्या मामला: प्रभारी सहायक आबकारी आयुक्त मंदाकिनी दीक्षित सस्पेंड
देवास शराब ठेकेदार आत्महत्या मामला: प्रभारी सहायक आबकारी आयुक्त मंदाकिनी दीक्षित सस्पेंड

देवास जिले में शराब ठेकेदार दिनेश मकवाना की आत्महत्या के मामले ने प्रशासन और जनता में सनसनी फैला दी है। इस मामले में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर जिला देवास की प्रभारी सहायक आबकारी आयुक्त, मंदाकिनी दीक्षित को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई मकवाना द्वारा आत्महत्या से पहले बनाए गए वीडियो के आधार पर की गई है, जिसमें उन्होंने मंदाकिनी दीक्षित पर गंभीर आरोप लगाए थे।
मकवाना ने वीडियो में आरोप लगाया कि मंदाकिनी दीक्षित ने हर महीने लाखों रुपए की रिश्वत मांगी और उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। वीडियो में मकवाना ने विस्तार से बताया कि किस तरह से वह लगातार दबाव और डर के माहौल में थे। इस मामले के सामने आने के बाद सोशल मीडिया और समाचार पत्रों में इस घटना को लेकर काफी चर्चा हुई और लोगों ने प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग की।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आदेश दिए कि आरोपी अधिकारी को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड किया जाए। इसके साथ ही पुलिस को भी मामले की पूरी जांच करने का निर्देश दिया गया है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि जांच निष्पक्ष और त्वरित तरीके से पूरी हो, ताकि दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जा सके।
प्रभारी सहायक आबकारी आयुक्त का निलंबन यह स्पष्ट संदेश देता है कि सरकारी अधिकारियों द्वारा किसी भी प्रकार की अनियमितता, रिश्वतखोरी या गलत आचरण को सहन नहीं किया जाएगा। यह कदम प्रशासन की जवाबदेही और जनता के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाता है।
मकवाना की आत्महत्या ने जिले में प्रशासनिक खामियों और शराब ठेकेदारों के बीच संबंधों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। वीडियो में लगाए गए आरोप गंभीर हैं और यह मामला केवल प्रशासनिक सुधार के लिए ही नहीं, बल्कि राज्य में भ्रष्टाचार और गैरकानूनी दबाव के खिलाफ चेतावनी के रूप में भी देखा जा रहा है।
इस घटना ने यह भी उजागर किया कि किस तरह से ठेकेदार और आम नागरिक कई बार सरकारी अधिकारियों के दबाव और प्रताड़ना का सामना करते हैं। सरकार की त्वरित कार्रवाई और सस्पेंडमेंट इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। अब जनता और संबंधित विभाग इस मामले की पूरी निगरानी कर रहे हैं और सभी चाह रहे हैं कि जांच निष्पक्ष तरीके से हो।
पुलिस जांच में अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि मकवाना द्वारा लगाए गए आरोप सही हैं या नहीं। जांच के परिणामों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसी भी प्रकार की देरी या पक्षपात जांच में नहीं होगा और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना ने एक बार फिर यह संदेश दिया कि भ्रष्टाचार और मनमानी के खिलाफ प्रशासन सक्रिय है। मंदाकिनी दीक्षित का सस्पेंड होना प्रशासन की संवेदनशीलता और न्यायपूर्ण निर्णय लेने की क्षमता को दर्शाता है।




