गोगा नवमी के अगले दिन इंदौर में एक अनोखी पहल देखने को मिली जब शहर के शीर्ष अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने स्वच्छता की जिम्मेदारी खुद अपने कंधों पर उठाई। हर साल की तरह इस वर्ष भी गोगा नवमी के उपलक्ष्य में सफाईकर्मियों को अवकाश दिया गया था, लेकिन इस बार शहर की सफाई व्यवस्था बाधित नहीं हुई। इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव, कलेक्टर आशीष सिंह और नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा ने राजबाड़ा क्षेत्र में खुद झाड़ू थामी और सफाई अभियान का नेतृत्व किया।
सुबह-सुबह महापौर, कलेक्टर, और निगम आयुक्त ने अपनी टीम के साथ मिलकर राजबाड़ा की सड़कों और गड्ढों वाली उबड़-खाबड़ सड़कों की सफाई की। इस सफाई अभियान में जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ कई स्थानीय संस्थाओं ने भी भाग लिया, जिससे पूरे शहर में एक स्वच्छता के प्रति जागरूकता का माहौल बना। अधिकारियों ने न केवल राजबाड़ा क्षेत्र की सफाई की बल्कि जनता को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने का संदेश भी दिया।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने इस मौके पर कहा कि इंदौर का सात बार स्वच्छता में नंबर वन आना यहां के लोगों की जागरूकता और समर्पण का परिणाम है। उन्होंने विश्वास जताया कि इसी जागरूकता के चलते इंदौर आठवीं बार भी स्वच्छता में नंबर वन का खिताब हासिल करेगा। कलेक्टर आशीष सिंह और निगम आयुक्त शिवम वर्मा ने भी इस अवसर पर शहरवासियों से अपील की कि वे स्वच्छता को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं और इंदौर को और भी स्वच्छ और सुंदर बनाने में योगदान दें।
इस सफाई अभियान ने न केवल शहर की सड़कों को चमका दिया, बल्कि यह संदेश भी दिया कि स्वच्छता इंदौर की पहचान है, और इसे बनाए रखना हर नागरिक का कर्तव्य है। इस पहल ने इंदौर के सफाईकर्मियों के प्रति सम्मान और स्वच्छता के प्रति सामूहिक जिम्मेदारी का भी एहसास कराया। इंदौर के नागरिकों और अधिकारियों के इस समर्पण ने एक बार फिर साबित कर दिया कि क्यों इंदौर को देश का सबसे स्वच्छ शहर कहा जाता है।